आखिर क्या है धारा 7
जानकारों की मानें तो धारा 7 कर्जदाताओं को कंपनी के दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया के लिए आवेदन करने की अनुमति देती है। रियल्ट एस्टेट कंपनियों के डूबने की स्थिति में अब तक संपत्ति की नीलामी में बैंक का ही हिस्सा होने का प्रावधान था, लेकिन अब नीलामी में होम बायर्स का भी हिस्सा होगा।
काटने पड़ते थे कोर्ट के चक्कर
इससे किसी भी डेवेलपर के डिफॉल्ट करने पर घर खरीदार को उसकी पूरी रकम या एक बड़ा हिस्सा मिल सकेगा। इससे रिफंड की प्रक्रिया भी तेज होगी, जो पहले लंबे समय तक फंसी रहती थी और घर खरीदार डेवलपर और कोर्ट के चक्कर काटते रह जाते थे।
इसलिए लाया गया था अध्यादेश
दिवालियापन कानून में संशोधन के लिए सरकार ने 14 सदस्यों की समिति बनाई थी, जिसने अप्रैल में अपनी रिपोर्ट दी थी। समिति ने घर खरीदने वालों की परेशानियां दूर करने और बैंकों के लिए रिकवरी आसान करने संबंधी सुझाव दिए थे। उन्हें ध्यान में रखते हुए यह अध्यादेश लाया गया है।