scriptघर खरीदने वालों के लिए खुशखबरी, बिल्डर के साथ हिस्सेदार बनेंगे खरीदार | insolvency and bankruptcy code passed by president ramnath kovind | Patrika News

घर खरीदने वालों के लिए खुशखबरी, बिल्डर के साथ हिस्सेदार बनेंगे खरीदार

locationनई दिल्लीPublished: Jun 07, 2018 11:19:48 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

इनसॉल्‍वेंसी एंड बैंकरप्‍सी कोड (संशोधन) अध्‍यादेश 2018 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों से मंजूदी मिल गर्इ है।

Real estate

घर खरीदने वालों के लिए खुशखबरी, बिल्डर के साथ हिससेदार बनेंगे खरीदार

नर्इ दिल्ली। जो लोग बिल्डर से खरीद चुके हैं या खरीदने का मन बना रहे हैं उनके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। एेसे लोग अब बिल्डर के देनदार नहीं बल्कि लेनदार मानें जाएंगे। यानी इन लोगों को अब बिल्डर का हिस्सेदार माना जाएगा। ये खबर उन लोगों के लिए काफी राहत वाली है जो लंबे से समय से अपना रुपया रियल एस्टेट में फंसाए हुए थे। वहीं लंबे समय से इस तरह के कानून की मांग भी उठ रही थी। राष्‍ट्रपति‍ कोविंद ने इससे संबंधि‍त अध्‍यादेश को मंजूरी दे दी है। अब कोई रि‍एल एस्‍टेट कंपनी डूबती है या दि‍वालि‍या घोषित होती है, तो उसकी संपत्ति की नीलामी में घर खरीदारों का भी हिस्सा होगा।

अध्यादेश को मिली मंजूरी
इनसॉल्‍वेंसी एंड बैंकरप्‍सी कोड (संशोधन) अध्‍यादेश 2018 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों से मंजूदी मिल गर्इ है। सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार इस नि‍यम से नि‍वेशकों को कर्जदाता का दर्जा मि‍ल जाएगा। इससे वह नीति‍ तय करने की प्रक्रि‍या में भी हि‍स्‍सा लेेंगे। साथ ही कंपनी के खिलाफ जरूरत पड़ने पर धारा 7 का भी इस्‍तेमाल कर सकेंगे।


आखिर क्या है धारा 7
जानकारों की मानें तो धारा 7 कर्जदाताओं को कंपनी के दि‍वालि‍या घोषि‍त करने की प्रक्रि‍या के लि‍ए आवेदन करने की अनुमति‍ देती है। रियल्ट एस्टेट कंपनियों के डूबने की स्थिति में अब तक संपत्ति की नीलामी में बैंक का ही हिस्सा होने का प्रावधान था, लेकिन अब नीलामी में होम बायर्स का भी हिस्सा होगा।

काटने पड़ते थे कोर्ट के चक्कर
इससे किसी भी डेवेलपर के डिफॉल्ट करने पर घर खरीदार को उसकी पूरी रकम या एक बड़ा हि‍स्‍सा मि‍ल सकेगा। इससे रिफंड की प्रक्रिया भी तेज होगी, जो पहले लंबे समय तक फंसी रहती थी और घर खरीदार डेवलपर और कोर्ट के चक्कर काटते रह जाते थे।

इसलिए लाया गया था अध्यादेश
दिवालियापन कानून में संशोधन के लिए सरकार ने 14 सदस्यों की समिति बनाई थी, जिसने अप्रैल में अपनी रिपोर्ट दी थी। समिति ने घर खरीदने वालों की परेशानियां दूर करने और बैंकों के लिए रिकवरी आसान करने संबंधी सुझाव दिए थे। उन्‍हें ध्‍यान में रखते हुए यह अध्‍यादेश लाया गया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो