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उच्च न्यायालय में चुनौती देगा गूगल
गूगल इंडिया ने भी इस मामले पर संज्ञान लेते हुए इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है। बता दें कि कंपनी ने गूगल आयरलैंड लिमिटेड को किए गए भुगतान के वर्गीकरण को लेकर आर्इटीएटी के पास अपील दायर की थी। गूगल इंडिया ने दावा किया है कि वह भारत में गूगल एडवर्ड्स कार्यक्रम की सामान्य वितरक/विक्रीकर्ता है। आैर इसमें उसे वितरण के काम पर मिलने वाला शुल्क किसी अधिकार के हस्तांतरण या किसी पेटेंट या नवप्रवर्तन के प्रयोग के अधिकार का सौदे का भुगतान नहीं है। इसपर गूगल का मानना है कि इस वजह से इसपर राॅयल्टी की तरह टैक्स नहीं लगाया जा सकता है। गूगल ने इस पेमेंट को लेकर टैक्स विभाग के ‘करेक्टराइजेशन’ को चुनौती दी थी।
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गूगल ने दी सफार्इ
टैक्स डिपार्टमेंट ने पाया कि वित्त वर्ष 2012-2013 के लिए स्त्रोत पर टैक्स कटौती किए बिना 1,114.91 करोड़ रुपए गूगल आयरलैंड लिमिटेड को दिया गया है। इसी आधार पर टैक्स डिपार्टमेंट ने गूगल से 258.84 करोड़ रुपए की मांग की है। गूगल के प्रवक्ता ने कहा, “हम भारत में सभी टैक्स कानून का अनुपालन करते हैं अौर सभी टैक्स का भुगतान करते है। हम आदेश के खिलाफ अपील दायर करेंगे।”