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जेपी इंफ्राटेक को लगा बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने दिवाला प्रक्रिया 90 दिन में पूरा करने का दिया आदेश

locationनई दिल्लीPublished: Nov 07, 2019 10:35:44 am

Submitted by:

Shivani Sharma

दूसरे चरण की 45 दिन की अवधि 21 दिसंबर, 2019 से शुरू हो रही है
दिवाला समाधान प्रक्रिया आज से 90 दिन के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया

Supreme Court Recruitment 2019

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड की दिवाला समाधान प्रक्रिया को 90 दिन में पूरा करने का आदेश दिया। कोर्ट के इस फैसले से जेपी समूह को बड़ा झटका लगा है। साथ ही कहा है कि परिवर्तित समाधान योजना सिर्फ एनबीसीसी और सुरक्षा रियल्टी से ही मंगाई जाएगी। न्यायालय का यह निर्णय जेपी समूह के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

शीर्ष अदालत ने कहा एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) या एनसीएलएटी के समक्ष अंतरिम निर्देश के लिए लंबित अर्जी समेत अन्य आवेदन इन दो बोली लगाने वालों से संशोधित समाधान योजना स्वीकार करने और उस पर कार्रवाई करने के मामले में दिवाला समाधान प्रक्रिया में बाधक नहीं होगा।


प्रक्रिया पूरी करने की दी चेतावनी

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि वह मकान खरीदारों, जेपी समूह और संबंधित बैंकों के साथ पूरा न्याय करने के लिए ‘असाधारण स्थिति’ में यह निर्देश दे रहे हैं। पीठ ने कहा कि हम दिवाला समाधान प्रक्रिया को कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया आज से 90 दिन के भीतर पूरा करने का निर्देश देते हैं। इसमें से पहले 45 दिन में दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत सिर्फ सुरक्षा रियलटी और एनबीसीसी से संशोधित समाधान योजना मंगाया जा सकेगा।


21 दिसंबर से शुरू होगी अवधि

न्यायालय ने कहा कि ये दोनों जेपी इंफ्राटेक के लिए अंतिम बोली लगाने वालों में थे। दोनों ने पहले भी समाधान योजना पेश की थी और वे बातचीत के बाद कर्जदाताओं की समिति के समक्ष अपनी संशोधित योजना, यदि ऐसा आवश्यक हुआ, पेश करें और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण को सौंपे। पीठ ने कहा कि दूसरे चरण की 45 दिन की अवधि 21 दिसंबर, 2019 से शुरू हो रही है। इसमें किसी भी तरह की कठिनाई को दूर करने और निर्णय करने वाले प्राधिकार को उचित आदेश पारित करने के लिये समय दिया गया है।


30 जुलाई को जेपी इंफ्राटेक ने लगाई बोली

पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले के खिलाफ जेपी समूह की याचिका पर यह आदेश पारित किया। अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में जेपी समूह को कर्ज में डूबी जेपी इंफ्रा लि की नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था। एनसीएलएटी ने 30 जुलाई को जेपी इंफ्राटेक के लिए नई बोलियां आमंत्रित करने की अनुमति देते हुए इसके प्रवर्तक जेपी समूह को इसमे हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था।

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