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यात्रियों को उठाना होगा ईंधन की कीमतों में इजाफे का भार
इस साल की शुरुआत से जेट एयरवेज द्वारा अपने विमानों की संख्या कम करने के बाद से ही हवाई किराए में तेजी देखने को मिल रही है। 17 अप्रैल को जेट एयरवेज के बंद होने के बाद से तो हवाई किराए में अचानक बड़ी तेजी देखने को मिली। सरकार ने मौजूदा विमान कंपनियों से कहा है कि वे अपनी यात्रियों की क्षमता को बढ़ाएं ताकि हवाई किराए में कमी आ सके। फिलहाल तो ईंधन की कीमतों में इजाफे का भार हवाई यात्रियों को ही उठाना पड़ेगा।
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भारत में सबसे महंगा है ईंधन
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, “उस विमान कंपनी के लिए क्या विकल्प होगा जो किंगफिशर और जेट एयरवेज की तरह बंद नहीं होना चाहती? भारत में कई विमान कंपनियों के बंद होने की बड़ी वजह कंपनियों ऑपरेटिंग कॉस्ट और हवाई किरायों में सही तालमेल नहीं होना है।” बीते एक दशक में विमान कंपनियां घरेलू उड़ानों के लिए सस्ते एटीएफ की मांग कर रही है। बता दें कि दुनियाभर के देशों के मुकाबले भारत में एटीएफ की कीमत सबसे अधिक महंगा।
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