फ्रांस की डसॉल्ट से मंगाए गए थे मिराज 2000
Dassault कंपनी फ्रांस की है। जिसे आज देश का बच्चा-बच्चा जानता है। क्योंकि रफाल विमानों का समझौता इसी कंपनी के साथ हुआ था। जिसपर काफी विवाद चल रहा है। मिराज 2000 चौथी जेनरेशन का मिराज 2000 विमान फ्रांस की कंपनी Dassault एविएशन द्वारा बनाया गया है। मिराज 2000 चौथी जेनरेशन का मल्टीरोल, सिंगल इंजन लड़ाकू विमान है। इसकी पहली उड़ान साल 1970 में आयोजित की गई थी। यह फाइटर प्लेन अभी लगभग नौ देशो में अपनी सेवाएं दे रहा है। साल 2009 तक लगभग 600 से अधिक मिराज 2000 दुनिया भर में सेवारत हैं।
करीब 13 हजार करोड़ रुपए में खरीदे थे मिराज
भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित लगभग 51 मिराज 2000 विमानों के एक बेड़े को उन्नत करने के लिए फ्रांस से 1.9 बिलियन डालर का समझौता हुआ था। जून 2011 में यह घोषणा हुई कि सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 के उन्नयन पर विचार करेगी। जिसके बाद यह समझौता हुआ। इस विमान को समय-समय पर उन्नत भी किया गया। खास बात ये है कि सबसे पहले डसॉल्ट से दो विमान खरीदे गए थे। जिन्हें बाद में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा अपग्रेड किया जाना था। यह वही एचएएल कंपनी है जिसे रफाल डील से बाहर कर दिया गया था।
क्या है मिराज की खासियत?
– मिराज 2000 में उन्नत एवियोनिक्स, आरडीवाई रडार और नए सेंसर और कंट्रोल सिस्टम का उपयोग किया गया है।
मिराज कई निशानों को एक साथ साधना, हवा से जमीन और हवा से हवा में भी मार करने में माहिर है।
– यह पारंपरिक और लेजर गाइडेड बम को भी गिराने में सक्षम है।
– मिराज 2000 सिंगल-सीटर या टू-सीटर मल्टीरोल फाइटर के रूप में उपलब्ध है।
– इस विमान के कॉकपिट में नियंत्रण के लिए थ्रोटल और स्टिक का प्रयोग किया जाता है।
– मिराज 2000 में थेल्स वीईएच 3020 हेड-अप डिस्प्ले और पांच कैथोड रे ट्यूब मल्टीफ़ंक्शन एडवांस्ड पायलट सिस्टम इंटरफ़ेस (एपीएसआई) डिस्प्ले लगे हुए हैं।
– मिराज 2000 में हथियारों को ले जाने के लिए नौ हार्डपॉइंट दिए गए हैं। जिसमें पांच प्लेन के नीचे और दो दोनों तरफ के पंखों पर दिया गया है।
– सिंगल-सीट संस्करण भी दो आंतरिक हैवी फायरिंग करने वाली 30 मिमी बंदूखों से लैस है।
– हवा से हवा में मार करने वाले हथियारों में मल्टीगेट एयर-टू-एयर इंटरसेप्ट और कॉम्बैट मिसाइलें शामिल है।