श्रमिक संघों की हड़ताल 2 सितंबर को
Published: Aug 29, 2015 11:03:00 pm
केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के नेतृत्व वाले मंत्री समूह और केंद्रीय
श्रमिक संघों के बीच शुक्रवार को हुई बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका
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नई दिल्ली। श्रमिक संघों की हड़ताल 2 सितंबर को होगी। न्यूनतम मजदूरी 15,000 रूपये तक बढ़ाने और ठेका मजदूरों को उनके समकक्ष नियमित कर्मचारियों के समान वेतन की मांग को लेकर श्रमिक संघ हड़ताल पर अडिग हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के नेतृत्व वाले मंत्री समूह और केंद्रीय श्रमिक संघों के बीच शुक्रवार को हुई बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका था।
इसके कारण श्रमिक संघों ने 2 सितम्बर को प्रस्तावित अपनी हड़ताल को वापस न लेने का फैसला किया है। केंद्र में भारतीय श्रमिक संघ के अध्यक्ष ए.के. पद्मनाभन ने बताया, हमने हड़ताल पर जाने का फैसला कायम रखा है।”
दर्जन भर केंद्रीय श्रमिक संघों ने शुक्रवार को मंत्री समूह के साथ बैठक की थी। इसमें 15,000 रूपए तक न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने और ठेका मजदूरों के साथ उनके नियमित कर्मचारियों के समान वेतन की मांग की गई। लेकिन, इसका कोई हल नहीं निकला जिसके बाद हड़ताल करने का फैसला बरकरार रहा।
जेटली के अलावा केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान, श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और पीएमओ में राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह भी मंत्री समूह में शामिल थे। मंत्री समूह ने “सूत्र के आधार पर न्यूनतम मजदूरी अनिवार्य” बनाने के लिए एक उपयुक्त कानून तथा इसे देश भर में सभी कर्मचारियों के लिए लागू करने का आश्वासन दिया था।
श्रम कानून में सुधार त्रिपक्षीय विचार-विमर्श के आधार पर किए जाने की बात पर जोर देने के साथ-साथ बोनस सीमा में वृद्धि का सुझाव भी दिया गया। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस सचिव डी.एल सचदेव ने कहा, हड़ताल का फैसला बरकरार है। सरकार द्वारा की गई पेशकश असंतोषजनक हैं। हम सरकार की बातों से संतुष्ट नहीं हुए।
भारतीय मजदूर संघ के महासचिव वृजेश उपाध्याय ने हालांकि कहा कि हड़ताल को रोक देना चाहिए क्योंकि सरकार ने कुछ कदम आगे बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा, हमें सरकार को समय देना चाहिए, सरकार ने न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने, बोनस में वृद्धि करने तथा श्रम सुधारों की प्रक्रिया में संघ के उचित प्रतिनिधित्व देने का वादा करके कुछ सकारात्मक कदम उठाए हैं।