उद्योग जगत

रियल एस्टेट विधेयक पारित, नायडू ने कहा आम आदमी होगा किंग

नायडू ने कहा, यह ऐतिहासिक क्षण है, इससे आम आदमी का मकान खरीदने का सपना पूरा होगा

Mar 15, 2016 / 08:37 pm

जमील खान

Real Estate

नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को रियल एस्टेट विधेयक पारित होने के साथ ही यह संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया। शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने विधेयक को लेकर उम्मीद जताई कि इससे संपत्तियों की कीमत घटेगी और रियल एस्टेट क्षेत्र के कामकाज को विश्वसनीयता मिलेगी। राज्यसभा ने 10 मार्च को यह रियल एस्टेट नियामक (नियमन और विकास) विधेयक-2016 पारित किया था।

लोकसभा में मंगलवार को विधेयक पर चर्चा के दौरान नायडू ने कहा, यह ऐतिहासिक क्षण है। इससे आम आदमी का मकान खरीदने का सपना पूरा होगा। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र को भी विश्वसनीयता मिलेगी। क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। (परियोजनाओं को) जल्दी मंजूरी मिलेगी और मकानों की कीमत घटेगी।

नायडू ने कहा, संसद बिल्डरों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है। आप जो वादा कर रहे हैं, उसे पूरा करें। रियल एस्टेट विधेयक का यही उद्देश्य है। इस विधेयक से मौजूदा प्रणाली की खामियों को दूर करने में मदद मिलेगी, जिसके कारण बिल्डर विज्ञापन में किए गए सभी वादों को पूरा नहीं करने के बाद भी कानून से बच निकलते हैं।

शहरी विकास मंत्री ने कहा, पहले उपभोक्ता और बिल्डरों द्वारा भुगतान की जाने वाली ब्याज दर अलग-अलग थी। हमने महसूस किया कि यह उचित नहीं है। यह दर अब समान हो जाएगी। हम बिल्डरों के विरुद्ध नहीं हैं। यदि उन्हें कोई समस्या होगी, तो हम किसी भी समय उनसे बात करने के लिए तैयार हैं। हम बिल्डरों को एक मजबूत भारत के निर्माण में साझेदार बनाना चाहते हैं।

नायडू ने कहा, चूंकि भूमि राज्य का विषय है, इसलिए हम राज्यों से मदद चाहते हैं। सभी मंजूरी 30 दिनों में दी जानी है। वह सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आग्रह करेंगे कि अपने राज्यों में वे रियल एस्टेट परियोजनाओं को तेजी से मंजूरी दें।

इस विधेयक में रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान किया गया है। विधेयक का लक्ष्य रियल एस्टेट उद्योग को नियमित करना और प्रमोटरों के घोटालों से संपत्ति खरीदारों के हितों की रक्षा करना है। विधेयक में ग्राहकों के लिए लाभ की बात यह है कि बिल्डरों को मकान के कार्पेट क्षेत्र के आधार पर कीमत तय करनी होगी, न कि सुपर बिल्ट-अप क्षेत्र के मुताबिक। विधेयक में कार्पेट क्षेत्र को स्पष्टता के साथ पारिभाषित किया गया है और इसमें शौचालय तथा रसोई जैसे उपयोग किए जा सकने वाले क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

विधेयक में 500 वर्ग मीटर भूखंड और आठ अपार्टमेंट वाली सभी वाणिज्यिक और आवासीय रियल एस्टेट परियोजनाओं की लांचिंग के लिए नियामक में परियोजना को पंजीकृत कराना अनिवार्य किया गया है। इससे परियोजना बनाने और उसे मूर्त रूप देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी। पंजीकरण नहीं कराए जाने के मामले में विधेयक में परियोजना लागत के 10 फीसदी तक के जुर्माने या तीन साल तक के कारावास का प्रावधान है।

Home / Business / Industry / रियल एस्टेट विधेयक पारित, नायडू ने कहा आम आदमी होगा किंग

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.