टाटा संस के अध्यक्ष पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री ने अपने और टाटा समूह के बीच छिड़ी जंग पर मंगलवार को कहा कि वह इस समूह की आत्मा बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। टीसीएस के शेयरधारकों की विशेष आम बैठक (ईजीएम) से चंद घंटे पहले मिस्त्री ने शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा , मैं टाटा समूह की आत्मा बचाने की लड़ाई लड़ रहा हूं।
मुंबई. टाटा संस के अध्यक्ष पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री ने अपने और टाटा समूह के बीच छिड़ी जंग पर मंगलवार को कहा कि वह इस समूह की आत्मा बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। टीसीएस के शेयरधारकों की विशेष आम बैठक (ईजीएम) से चंद घंटे पहले मिस्त्री ने शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा , मैं टाटा समूह की आत्मा बचाने की लड़ाई लड़ रहा हूं।
टीसीएस से निकाले जा सकते हैं मिस्त्री
टीसीएस की बैठक में मंगलवार को मिस्त्री के भाग्य का फैसला होना है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि टाटा संस के पास टीसीएस के शेयर सबसे अधिक हैं, इसी वजह से इस ईजीएम का परिणाम पहले से ज्ञात है। उन्होंने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए लिखा, टाटा संस के पास टीसीएस के 73 प्रतिशत से अधिक शेयर हैं, इसी कारण ईजीएम का परिणाम सबको पता है। फिर भी मेरे लिए आपको यह पत्र लिखना जरूरी है।
अंतरात्मा की पुकार सुनें
मिस्त्री ने लिखा, मैं टाटा समूह की आत्मा बचाने की लड़ाई लड़ रहा हूं। भले ही आपके वोट के जरिये कितनी भी कमजोर आवाज क्यों न उठे, लेकिन मैं आग्रह करता हूं कि आप अंतरात्मा की पुकार को सुनकर वोट दें जिससे प्रशासनिक सुधार पर वृहद चर्चा की जरूरत का संकेत जाये। इससे टाटा समूह के उन मूल्यों की रक्षा होगी, जो हमारे पूर्वजों ने हमें हस्तांतरित किया है। Þ
सिद्धांतों की लड़ाई
मिस्त्री ने लिखा कि पिछले कई सप्ताह के दौरान कई लोगों ने बिना विरोध के उनके हथियार न डालने को गलत रूप में पेश करने की कोशिश की। ऐसा कहा गया कि वह ऑपरेटिंग कंपनियों पर नियंत्रण की लड़ाई लड़ रहे हैं या वह पद पर बने रहने के लिए ऐसा कर रहे हैं, लेकिन यह सब गलत है। उन्होंने कहा, यह सिद्धांतों की लड़ाई है न कि पहले से ज्ञात परिणामों का सामना करने के खिलाफ संघर्ष। उन्होंने कहा कि टीसीएस का भविष्य सुशासन और सिद्धांतों पर टिका है।