खाद्य और उपभोक्ता मंत्रालय ने भेजा था प्रस्ताव खबरों के अनुसार खाद्य और उपभोक्ता मंत्रालय ने कैबिनेट को एक प्रस्ताव भेजकर गन्ने के न्यूनतम मूल्य में 20 रुपए की बढ़ोत्तरी करने की सिफारिश की थी। बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। आपको बता दें कि गन्ने की कीमत को एफआरपी कहा जाता है और हर साल गन्ने की खेती का सीजन शुरू होने से पहले इसकी घोषणा की जाती है। चीनी मिलें इसी दर पर किसानों से गन्ना खरीदती हैं।
इस शर्त पर मिलेगी नई कीमत किसानों के लिए हर साल घोषित होने वाले न्यूनतम मूल्य पर एक शर्त भी लागू होती है। जानकारों के अनुसार किसानों को यह न्यूनतम मूल्य तभी मिलता है जब उस गन्ने से एक तय मात्रा पर चीनी की रिकवरी होती है। इस साल यह मात्रा 10 फीसदी रखी गई है जबकि पिछले साल यह मात्रा 9.5 फीसदी थी। जानकारों का कहना है कि रिकवरी ज्यादा या कम होने पर गन्ने की कीमतों में भी बदलाव हो जाता है।
राज्य सरकारें भी देती हैं बोनस केंद्र सरकार की ओर से घोषित न्यूनतम मूल्य के अलावा राज्य सरकारें भी अपने प्रदेश के किसानों को बोनस देती हैं। यह बोनस केंद्र सरकार के मूल्य से अतिरिक्त होता है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे गन्ना उत्पादक राज्य पहले से ही किसानों को बोनस देते आ रहे हैं. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी ने देशभर के 150 गन्ना किसानों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी थीं। पीएम ने किसानों को उनकी समस्याओं का समाधान करने का वादा किया था।