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मूडीज ने कहा- बाहरी दबाव के बावजूद मजूबत जीडीपी से खाद्यान, स्टील व अाॅटो सेक्टर काे मिलता रहेगा फायदा

locationनई दिल्लीPublished: Nov 22, 2018 02:42:23 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज का मानना है कि रुपए में कमजोरी जैसे कर्इ बाहरी दबाव के बाद भी प्रमुख भारतीय कंपनियों की निगेटिव क्रेडिट सीमित दायरे में रहेगी।

Moody's

मूडीज ने कहा- बाहरी दबाव के बावजूद मजूबत जीडीपी से खाद्यान, स्टील व अाॅटो सेक्टर काे मिलता रहेगा फायदा

नर्इ दिल्ली। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज का मानना है कि रुपए में कमजोरी जैसे कर्इ बाहरी दबाव के बाद भी प्रमुख भारतीय कंपनियों की निगेटिव क्रेडिट सीमित दायरे में रहेगी। साथ ही पहले की तुलना में गैर-वित्तीय कंपनियों की रेटिंग प्रोफाइल आने वाले दिनों सुधरती रहेंगी। मूडीज ने कहा, “जहां तक अमरीकी डाॅलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी की बात है तो इस तरह की स्थिति का असर निगेटिव क्रेडिट को दायरे में सीमित रहेगा। क्योंकि अधिकतर भारतीय कंपनियों की सुरक्षा पहले से ही सुनिश्चित है।”


बढ़ता रहेगा अधिकतर भारतीय कंपनियों का राजस्व

मूडीज की असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट व एनलिस्ट सारंगा रानासिंघे का कहना है कि माइक्रो सेक्टर में परेशानियों के बावजूद भी अधिकतर भारतीय कंपनियों के राजस्व में बढ़ोतरी होती रहेगी। रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि मूडीज द्वारा रेट की जाने वाली अधिकतर भारतीय कंपनियों की रीफाइनेंसिंग रिस्क प्रबंधन के स्तर पर बरकारार रहेंगी। मूडीज के मुताबिक कड़े प्रतिस्पर्धा के बावजूद भी टेलिकम्युनिकेशंस सेक्टर में पूंजी खर्च में तेजी देखने को मिलती रहेगी।


स्टील व आॅटो सेक्टर को लेकर भी कही यह बात

साथ ही डाउनस्ट्रीम तेल रिफाइनरी कंपनियाें की पूंजी खर्च में भी तेजी बनी रहेगी। क्योंकि वो लगातार रिफाइनिंग क्षमता को बढ़ाने पर जोर दे रही हैं। मूडीज ने यह भी कहा कि इन फर्मों को उच्च शेयरधारक रिटर्न से ऋण स्तर और तेल व आईटी सेवा उद्योग के लिए लाभ उठाने में वृद्धि हो सकती है। स्टील व आॅटो सप्लार्इ सेक्टर को लेकर मूडीज ने कहा है कि अगले एक साल में इन इस इंडस्ट्री की कपंनियों में समेकन बना रहेगा। हालांकि इससे इन कंपनियों के बिजनेस प्रोफाइल में सुधार होगा, लेकिन किसी भी ऋण वित्त पोषित अधिग्रहण से लीवरेज स्तर बढ़ सकते हैं।

 

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