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उद्योग जगत

रेडी-टू-मूव घरों की तुलना में निर्माणाधीन घरों पर ज्यादा निवेश: रिपोर्ट

सितंबर तिमाही में एनसीआर में बेचे गए 74% निर्माणाधीन घर
मार्च 2020 तक एनसीआर में एक लाख से अधिक यूनिट्स होंगी डिलीवर

Nov 12, 2019 / 12:49 pm

manish ranjan

Anganwadi buildings have been incomplete for years

Anganwadi buildings have been incomplete for years

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में रियल एस्टेट बाजार में कुछ दिलचस्प बदलाव देखने को मिल रहे हैं। आज घर खरीदारों के पास किफायती आवास के बेहतर विकल्प है। खासतौर पर जबकि गुरुग्राम में नए लॉन्च में 27% की वृद्धि देखी गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक खरीददारों को फ्लैट की कीमत में मिलने वाले लाभ की वजह से रेडी-टू-मूव घरों की तुलना में निर्माणाधीन संपत्तियों को लोगों ने प्राथमिकता दी जाती है। आगे की रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही (Q2FY20) में घर की बिक्री संख्या के विश्लेषण से पता चलता है कि तिमाही के दौरान बेची गई 74 प्रतिशत यूनिट्स निर्माणाधीन थीं।

प्रॉपटाइगर डॉटकॉम व हाउसिंग डॉटकॉम और मकान डॉटकॉम के मालिक ध्रुव अगरवाला ने कहा कि, “एनसीआर, विशेष रूप से नोएडा में प्रोजेक्ट में देरी की वजह से मार्केट में काफी नकारात्मकता देखने को मिली | फिर भी होमबॉयर्स ने बड़े पैमाने पर निर्माणाधीन परियोजनाओं पर कीमतों में मिलने वाले फायदे की वजह से अधिक निवेश किया | साथ ही रेरा की भूमिका को इस संबंध में कम नहीं आंका जा सकता है। वहीं रेरा अपनी सक्रियता से हरियाणा और यूपी में शानदार तरीके से विवादों को हल कर रहा हैं। जिसकी वजह से प्रोपर्टी बाजारों में घर खरीदारों का विश्वास फिर से बहाल हुआ है । रेरा ने बिल्डर-बायर समझौतों के तहत बिल्डरों को परियोजना को पूरा करने की समयसीमा देने के लिए मजबूर किया है, जो खरीदारों को आकर्षित करने और निर्माणाधीन परियोजनाओं में विश्वास वापस लाने की शुरुआत कर रहा है।“

एनसीआर में बिक्री में 47% की गिरावट
नोएडा और गुड़गांव संपत्ति बाजारों में इस तिमाही के दौरान संयुक्त 5,569 यूनिट्स बेची गईं, जो 47 प्रतिशत की वार्षिक गिरावट थी। व्यक्तिगत रूप से, नोएडा में गिरावट 57 प्रतिशत और गुड़गांव के 31 प्रतिशत की गिरावट थी।

लॉन्च में वृद्धि के साथ, Q2 में गुड़गांव में बदलाव का ट्रेंड
(Q2FY19) में 3,498 यूनिट्स की तुलना में सितंबर के अंत में दो एनसीआर शहरों में 3,089 नई यूनिट्स शुरू की गईं, जिसमें सालाना 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
लॉन्च के संदर्भ में, अलग-अलग क्षेत्र एक अलग तस्वीर दिखाते हैं। गुड़गांव, मिलेनियम सिटी देश भर में एकमात्र प्रमुख आवासीय बाजार था, जहां पिछले साल की इसी तिमाही में 1,851 यूनिट्स की तुलना में नए लॉन्चों में Q2 में 27% की वृद्धि हुई और यह 2,353 यूनिट्स तक पहुंच गई। दूसरी ओर, नोएडा में पिछले साल की 1,647 की तुलना में 55 प्रतिशत गिरकर Q2FY19 और Q2FY20 में 736 यूनिट हो गई।

पूरे देश की तुलना में सबसे ज्यादा बची हुई इन्वेंटरी यहां पर

लिक्विडिटी की मार झेल रहे डेवलपर्स के लिए इस समय सबसे बड़ी समस्या है बची इन्वेंटरी । मौजूदा सेल्स की रफ्तार में बिल्डर्स अपनी बची हुई इन्वेंटरी को बेचना चाहेंगे क्योंकि पिछले साल की तुलना में इस साल बची हुई इन्वेंटरी में इजाफा हुआ है । पिछले साल जहां 31 महीने तक की अंशुल इन्वेंटरी बची थी वहीं इस साल इजाफा होकर वह 37 महीने की हो चुकी है । पूरे देश की औसतन 28 महीने की बची हुई इन्वेंटरी के मामले में यह कहीं अधिक है ।

हालांकि तिमाही स्तर पर तुलना करने पर एनसीआर में बची हुई इन्वेंटरी का स्टॉक Q2FY19 के दौरान 8 प्रतिशत घटा है । 30 सितंबर 2019 तक इन दो शहरों में बची हुई इन्वेंटरी का स्टॉक 106,317 यूनिट था । वहीं पिछले साल सितंबर महीने के अंत की तिमाही तक यह आंकड़ा 115,598 घरों का था । डाटा के मुताबिक इंडिया के 9 शहरों में बची हुई यूनिट का आंकड़ा लगभग 7.79 लाख यूनिट का है ।

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