इंडस्ट्री एक्सपर्ट मोहनदास पई ने आशंका जताई कि ऑटोमेशन और टेक्नोलॉजी की स्वीकार्यता तेजी से बढऩे के चलते अगले 9 सालों में करीब 20 करोड़ युवाओं की नौकरियां छीन जाएंगी।
नई दिल्ली. इंडस्ट्री एक्सपर्ट मोहनदास पई ने आशंका जताई कि ऑटोमेशन और टेक्नोलॉजी की स्वीकार्यता तेजी से बढऩे के चलते अगले 9 सालों में करीब 20 करोड़ युवाओं की नौकरियां छीन जाएंगी। उनके मुताबिक, ‘इनमें से ज्यादातर युवा 21 से 41 साल तक की उम्र के होंगे। बैंकिंग और नॉन बैंकिंग फाइनेंस सेक्टर पर भी इसका बड़ा असर पडऩे की आशंका है, क्योंकि इनके ज्यादातर काम करने में रोबोट सक्षम हैं। कृषि क्षेत्र से रोजगार पाने वालों की संख्या महज 52 फीसदी रह गई है, जो 10 साल पहले 62 फीसदी थी। वहीं सर्विस सेक्टर और उभरते उद्योगों पर निर्भर रहने वालों की संख्या 10 फीसदी तक बढ़ी है। कृषि और सेवा क्षेत्र के बीच खाई बढ़ती जा रही है।’
‘क्रिएटिव लोगों को खतरा नहीं’
पई ने कहा, ‘रोबोट इंसानों को रिप्लेस कर रहे हैं। दरअसल, रोबोट ना तो अप्रैजल, प्रमोशन या इंक्रीमेंट मांगते हैं, ना ही उन्हें काम करने में थकान होती है। इसके अलावा उन्हें छुट्टी और वर्क-लाइफ बैलेंस जैसी जरूरतें भी नहीं होती है। ऐसे में ज्यादातर कंपनियां इस दिशा में कदम बढ़ाएंगी।’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मशीनें क्रिएटिव नहीं हैं, ऐसे में जिन लोगों के पास क्रिएटिव स्किल्स हैं उन्हें खतरा कम है।