सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग के एक सूत्र ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया, ‘प्रस्ताव के अनुसार, 30 लाख रुपये की आय पर जीएसटी दाखिल करने वाली किसी भी किराना दुकान को शराब बेचने का लाइसेंस दिया जा सकता है। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री की अनुमति के लिए भेजा गया है, जो आबकारी विभाग के प्रभारी भी हैं। प्रस्ताव 2018 की आबकारी नीति के संशोधन के रूप में है।’
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तीन सालों से चल रहा प्रस्ताव
उल्लेखनीय है कि पिछले तीन वर्षों में झारखंड ने अपनी आबकारी नीति में दो बार संशोधन किया है। पहले जहां लाइसेंस की नीलामी के जरिए शराब बेची जाती थी। इसके बाद 2017 से राज्य सरकार ने सरकारी दुकानों के माध्यम से शराब की बिक्री शुरू की।
राज्य को नहीं मिली कोई खास सफलता
आपको बता दें कि सरकार के इस कदम के साथ राज्य को अपना राजस्व बढ़ाने में कोई खास सफलता हासिल नहीं हो सकी। इसके बाद राज्य ने फिर से अपनी नीति में संशोधन किया और एक अप्रैल, 2019 से शराब की दुकानों की नीलामी भी शुरू कर दी।
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खुल सकती हैं नई दुकानें
नए प्रस्ताव के अनुसार, किराने की दुकानों को लाइसेंस देकर पंचायत स्तर पर भी शराब की दुकानें खोली जा सकती हैं। इस तरह से राज्य सरकार ने शराब की बिक्री पर प्रति वर्ष 1,500 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
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