scriptअमेरिका में बिकने वाला हर पांच में एक तौलिया गुजरात का बना | one of five towels sold in USA made by Welspun | Patrika News

अमेरिका में बिकने वाला हर पांच में एक तौलिया गुजरात का बना

Published: Dec 14, 2016 06:19:00 pm

Submitted by:

umanath singh

घरेलू टेक्सटाइल क्षेत्र की अग्रणी कंपनी वेलस्पन इंडिया ने कहा कि अमेरिका में बिकने वाले हर पांच में से एक तौलिया अब इसके गुजरात संयंत्र से उत्पादित होता है और कंपनी अगले पांच साल में राज्य में 10 हजार करोड़ रुपये का और निवेश करेगी।

welspun towels

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अंजार (गुजरात). घरेलू टेक्सटाइल क्षेत्र की अग्रणी कंपनी वेलस्पन इंडिया ने कहा कि अमेरिका में बिकने वाले हर पांच में से एक तौलिया अब इसके गुजरात संयंत्र से उत्पादित होता है और कंपनी अगले पांच साल में राज्य में 10 हजार करोड़ रुपये का और निवेश करेगी।

600 करोड़ रुपये की लागत वाले संयंत्र की रखी नींव 

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के हाथों बुधवार को कंपनी के 600 करोड़ रुपये की लागत वाले कार्पेट (गलीचा), एरिया रग और कार्पेट टाइल्स इकाई की नींव रखे जाने तथा इसकी 3 करोड़ लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट संयंत्र का उद्घाटन किये जाने के मौके पर इसके चेयरमैन बी के गोयनका ने कहा कि कंपनी अगले डेढ़ साल में एक ऐसा कौशल प्रशिक्षण केंद्र यानी स्किल ट्रे सेंटर शुरू करेगी, जिसके जरिये हर साल 50 से 60 हजार युवाओं को रोजगार संबंधी प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। 

कच्छ इलाके में १० साल में ७० हजार करोड़ का निवेश 

गोयनका ने इस काम में गुजरात सरकार से मदद की भी गुहार लगाई। गोयनका ने कहा कि पिछले दस साल में कंपनी ने गुजरात में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है और आने वाले पांच साल में भी इतनी ही राशि का निवेश करेगी। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में कच्छ इलाके में 70 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।

अमेरिका में बिकने वाला हर पांच में से एक तौलिया गुजरात के वेलस्पन संयंत्र का 

उन्होंने कहा कि गुजरात में वेलस्पन की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका में बिकने वाला हर पांच में से एक तौलिया गुजरात के वेलस्पन संयंत्र का बना होता है। उन्होंने बताया कि कंपनी कच्छ क्षेत्र में औद्योगिक इस्तेमाल के बाद बेकार हुए पानी को पुर्नशोधित कर आसपास के क्षेत्रों में घरेलू इस्तेमाल के लिए भी देगी। उन्होंने बताया कि नयी कार्पेट इकाई शुरू होने पर इसके जरिये सात हजार लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार मिलेगा। इसकी सालाना उत्पादन क्षमता 70 लाख वर्ग मीटर होगी। 
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