मालिकों के हित में नहीं है ये मांग
ओयो के प्रवक्ता ने कहा, “हम एफएचआरएआई द्वारा की गई अनुशंसाओं से अवगत हैं और हमारा मानना है कि ये कुछ लोगों द्वारा लगाए गए गलत आरोपों का परिणाम हैं (ओयो होटल्स से जुड़े फ्रेंचाइजी ओर लीजर्स द्वारा नहीं)। ये मांगें उन प्रॉपर्टी मालिकों के लिए अनुचित हैं, जो फ्रेंचाइज या लीज्ड मॉडल के तहत हमारे साथ जुड़े हैं। कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के साथ इस तरह की अनुचित मांगें पेश कर रहे हैं जो न तो उपभोक्ताओं के हित में हैं और न ही सम्पत्ति मालिकों के हित में।”
अधिक फ्रेंचाइजी शुल्क वसूलने का आरोप
कंपनी ने कहा, “कुछ संगठनों ने गलत दावा किया है कि ओयो ज्यादा कमीशन लेती है, हम यह बताना चाहेंगे कि हमारा फ्रेंचाइज शुल्क न केवल उद्योग जगत के अनुरूप है, बल्कि इसके साथ हम होटल मालिकों की सम्पत्ति में निवेश कर उन्हें विश्वस्तरीय सम्पत्ति में बदलने में भी मदद करते हैं। साथ ही हमने कभी भी 25 फीसदी से ज्यादा फ्रेंचाइज शुल्क नहीं लिया है, और न ही भविष्य में कभी लेंगे, जब तक हम प्रॉपर्टी में कैपेक्स की बड़ी राशि निवेश नहीं करते। ऐसे मामलों में हम उद्योग जगत की मानक प्रथाओं के तहत ही अपनी गतिविधियों का संचालन करते हैं।”
होटल कारोबार पर पड़ सकता है बुरा असर
बयान में कहा गया, “अगर ओयो होटल ने कीमतें बढ़ाने के लिए अनुचित मांगों को पूरा किया होता तो इसका सबसे पहला फायदा ओयो को मिलता, किंतु अपने अनुभव के साथ हम समझते हैं कि इससे बाजार पर बुरा असर होगा, यह उपभोक्ता एवं संपत्ति मालिकों के लिए असंतोष का कारण बनेगा। इससे न केवल उपभोक्ताओं के लिए लागत 40 फीसदी तक बढ़ेगी, बल्कि ऑक्यूपेन्सी भी कम होगी, जिसका बुरा असर कारोबार पर पड़ेगा।” उल्लेखनीय है कि एफएचआरएआई ने सोमवार को ओयो को पत्र लिखकर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाकर कार्रवाई की चेतावनी दी है। पत्र में कहा गया है कि ओयो बिना लाइंसेंस के आवासीय और व्यावसायिक इमारतों में रूम और बेड मुहैया करा रही है।
Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business News in Hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।