पतंजलि के असर से सभी लोग प्रभावित
भारत की तरह चीनी संस्कृति भी काफी प्राचीन और समृद्ध है। दोनों के बीच करार का मकसद आयुर्वेद रिसर्च और साइंस को बढ़ावा देना है। हालांकि साइन हुए इस एमओयू में कई ग्रुप भी हैं। जिनमें नेपाल का सीएम ग्रुप, चाइनीज कल्चरल प्रमोशनल सोसाइटी और मलेशिया ब्रांच शामिल हैं। पतंजलि आयुर्वेद के चेयरमैन बाल कृष्ण ने कहा कि पतंजलि के असर से सभी लोग प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि का मकसद भारतीय संस्कृति, परम्परा, योग, आयुर्वेद को पूरी दुनिया में फैलाना है।
भारतीय संस्कृति के लिए गौरव का क्षण
बाल कृष्ण ने फेसबुक पर इस समझौते की जानकारी देते हुए लिखा कि, ‘भारतवर्ष एवं भारतीय संस्कृति के लिए गौरव का क्षण’ चीन के हेबेई प्रांत के नबडागंग में एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी ऑफ नबडागंग इंडस्ट्रियल पार्क व पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, भारत व दो अन्य संस्थाओं के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत यहां की सरकार ने भारत वर्ष की हर तरह की कला,संस्कृति, परंपरा,योग,आयुर्वेद अनुसंधान, जड़ी-बूटी अन्वेषण, योग- केंद्र , पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा, मीडिया आदि गतिविधियों के लिए कार्य करने हेतु स्वीकृति दी और सभी संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
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