शेयर बाजार को दी जानकारी
कंपनी ने जानकारी देते हुए बताया कि पतंजलि समूह इक्विटी के रूप में 204.75 करोड़ रुपये और ऋणपत्र के रूप में 3,233.36 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगा। पतंजलि की इस मदद से रुचि सोया को काफी मदद मिलेगी। इसके साथ ही कंपनी का कर्ज भी कम हो जाएगा। इसके साथ ही कंपनी ने बताया कि यह राशि’ पतंजलि कंसोर्टियम अधिग्रहण प्राइवेट लिमिटेड ‘ में डाली जाएगी।
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कंपनी का होगा विलय
इस राशि को डालने के बाद ही रुचि सोया के साथ कंपनी का विलय हो जाएगा। पतंजलि समूह गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर और तरजीही शेयरों के माध्यम से विशेष इकाई में अतिरिक्त 900 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगा। वह करीब 12 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी भी देगा।
30 अप्रैल को मिली थी मंजूरी
कर्जदाताओं की समिति ने 30 अप्रैल 2019 को रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए पतंजलि की 4,350 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दी थी। कर्जदाताओं को 60 प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान हुआ है। रुचि सोया ने शेयर बाजार को बताया कि पतंजलि समूह की ओर से पेशकश की गई 4,350 करोड़ रुपये की राशि में से 4,235 करोड़ रुपये का उपयोग कर्जदाताओं के बकाये के भुगतान में किया जाएगा जबकि 115 करोड़ रुपये का इस्तेमाल रुचि सोया के पूंजीगत खर्च और कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने में होगा।
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किया जाएगा समिति का गठन
सुरक्षित वित्तीय ऋणदाताओं को 4,053.19 करोड़ रुपये, असुरक्षित वित्तीय ऋणदाताओं को 40 करोड़ रुपये, परिचालन कर्जदाताओं को 90 करोड़ रुपये, सांविधिक बकाया राशि का भुगतान करने के लिए 25 करोड़, कर्मचारियों के लिए 14.92 करोड़ रुपये और बैंक गारंटी के लिए 11.89 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया पर निगरानी के लिए एक निगरानी समिति गठित की जाएगी। इसमें वित्तीय कर्जदाताओं और पतंजलि समूह के तीन-तीन सदस्य होंगे। समाधान पेशेवर शैलेंद्र अजमेरा निगरानी एजेंट की भूमि में होंगे।