सरकार की FDI नीति का उल्लंघन प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश की वर्तमान ई-कॉमर्स मार्केट को अमेज़न और फ्लिपकार्ट ने अपनी अनुचित प्रथाओं से काफी हद तक विषाक्त किया है । ये कम्पनियां सरकार की एफडीआई नीति का लगातार घोर उल्लंघन कर रही हैं। कैट ने कहा है कि इन कम्पनियों द्वारा बाजार मूल्य से बहुत कम कीमत पर सामान बेचते हुए ये कम्पनियां सरकार को भारी जीएसटी राजस्व के नुकसान का कारण बन रही हैं। इसके अलावा, हर साल भारी नुकसान दर्ज करके ये कंपनियां आयकर दायित्वों से भी बच रही हैं।लागत से भी कम मूल्य और गहरी छूट में लिप्त होकर ये कम्पनियाँ सरकार की एफडीआई नीति का घोर उल्लंघन कर रही है।
कैट का स्पष्ट मत है कि ई-कॉमर्स व्यापार भविष्य का उभरता हुआ बाज़ार है और ऐसे में कैट ने ई-कॉमर्स व्यवसाय से 7 करोड़ व्यापारियों को जोड़ने के लिए 1 सितंबर, 2019 से देशव्यापी अभियान शुरू किया है जिसमें प्रत्येक व्यापारी की अपनी एक ई दुकान होगी कैट ई-कॉमर्स के पक्ष में हैं और अमेजनन एवं फ्लिपकार्ट के भारत में व्यापार करने पर कोई एतराज़ नहीं है लेकिन अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को सरकार की एफडीआई नीति का पालन करने की आवश्यकता है और टैक्स और अन्य कानूनों का पालन करने की आवश्यकता है ताकि बाज़ार में समान प्रतिस्पर्धा का वातावरण बने ।
कैट ने कहा कि या तो अमेजन फ्लिपकार्ट दोनों को सख्ती से एफडीआई नीति का अनुपालन करने के लिए कहा जाए या उन्हें भारत से अपना व्यापार समेटना पड़ेगा । कैट ने समय-समय पर घरेलू व्यापार और छोटे उद्योगों के संरक्षण और विकास के लिए नीतियों को लागू करने के लिए प्रधान मंत्री द्वारा उठाए गए चिंताओं और विभिन्न कदमों की सराहना की है। आरसीईपी पर हस्ताक्षर न करना, जीएसटी कर प्रणाली का सरलीकरण, राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन, व्यापारियों को पेंशन और अन्य मुद्दों ने देश के 7 करोड़ व्यापारियों के बीच अधिक विश्वास को दोहराया है।