नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा में ज्यादा निवेश करने की जरूरत मंत्री ने कहा कि देश में इस समय बिजली की मांग 6.5 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रही है। जैसे-जैसे हम हर घर में बिजली पहुंचाने और सबको चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे, बिजली की मांग भी ज्यादा रफ्तार से बढ़ेगी। अर्थव्यवस्था में आ रही तेजी से प्रति व्यक्ति बिजली उपभोग बढ़ेगी और इससे भी मांग में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि बिजली की मांग बढ़ने के कारण हमें नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा में ज्यादा निवेश करने की जरूरत होगी। इस क्षेत्र में हम दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं। नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता में भारत अभी पांचवें स्थान पर है। हमारी मौजूदा क्षमता 71.85 गीगावाट हो गई है, जिसे 2022 तक बढ़ाकर 175 गीगावाट पर पहुंचाने का लक्ष्य है। सौर ऊर्जा में हम दुनिया में पांचवें और पवन ऊर्जा में चौथे स्थान पर हैं।
68 देशों ने दी अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को मंजूरी सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के लिए संभावित 121 देशों में से अब तक 68 ने इस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिनमें 44 देशों में समझौते को आंतरिक मंजूरी भी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए गर्व की बात है क्योंकि इस गठबंधन की स्थापना भारत की पहल पर हुई है। भारत ने इसकी स्थापना के लिए 175 करोड़ रुपए देने का वादा किया था जिसमें से 140 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सौर गठबंधन का जल्द ही विस्तार किया जाएगा। लगभग सभी अफ्रीकी देश इसका सदस्य बनने की इच्छा दिखा रहे हैं। वे चाहते हैं कि भारतीय विशेषज्ञ उनके यहां सौर ऊर्जा संयंत्रों के विकास में मदद दें। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सचिव आनंद कुमार ने बताया कि देश में सौर ऊर्जा क्षमता तेजी से बढ़ रही है और संभव है कि 2022 तक हम 175 गीगावाट के लक्ष्य से ज्यादा क्षमता स्थापित कर लेंगे। उन्होंने कहा कि तीनों कार्यक्रमों का लक्ष्य दुनिया को एक मंच पर लाकर नवीकरणीय ऊर्जा के बारे में चर्चा करना है।