कीमतों में इजाफा सबसे बड़ी समस्या
व्यापारी अभी भी इसका फायदा उठाकर लोगों को महंगो सामान बेचने में लगे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ सामानों की मांग में आर्इ तेजी से भी कीमतों में इजाफे का दौर देखने को मिल रहा है। महंगार्इ की दोहरी मार इसलिए भी देखनी पड़ रही है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में बढ़ोतरी आैर डाॅलर के मुकाबले रुपये में मजबूती देखने को मिल रही है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक छोटे से लेकर मझोले तक करीब 1,200 मैन्युफैक्चरिंग फर्म्स ने इनपुट प्राइस प्रेशर आैर बढ़ते बिक्री मूल्यों की परेशानी के बारे में जिक्र किया है। केंद्रीय बैंक ने जून के बाद से दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है जो कि पिछले दो साल में सबसे अधिक हैं। केंद्रीय बैंक ने कीमतों में दबाव आैर भारतीय करेंसी को सपोर्ट करने के लिए ये फैसला लिया है।
इन सेक्टर्स में दिखेगा सबसे अधिक असर
वहीं दूसरी तरफ इक्विटी बाजार में आर्इ तेजी ने बीएसर्इ सेंसेक्स को 38,000 के नर्इ उंचार्इ स्तर पर पहुंचा दिया है। इसके साथ घरेलू शेयर बाजार सभी एशियार्इ बाजारों में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला बाजार बन गया है। इस मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि ये इस बात का इशारा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अपने बुरे दौर से बाहर निकल आया है। पिछले माह में आॅटोमोबाइल सेक्टर में ग्रोथ दहार्इ के आंकड़ें को पार चुका है। जिसके बाद पिछले सप्ताह देश की सबसे बड़ी कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनी मारुति सुजुकी ने अपनी कारों में 6,100 रुपये तक बढ़ोतरी कर दी है। एेसा हाल स्टील सेक्टर, कंज्यूमर गुड्स, सीमेंट आैर एविएशन सेक्टर में भी देखने को मिल रहा है। एेसे में कुल मिलाकर आम जनता को हाल फिलहाल महंगार्इ से कोर्इ राहत मिलती तो नहीं दिखार्इ दे रही है। बल्कि इसके उलटे महंगार्इ बढ़ने के ही आसार दिखार्इ दे रहे हैं।