scriptट्रेन हादसे रोकने के लिए इसरो के साथ काम करेगी भारतीय रेल | Railway to work with ISRO for to stop train accidents | Patrika News

ट्रेन हादसे रोकने के लिए इसरो के साथ काम करेगी भारतीय रेल

locationनई दिल्लीPublished: Sep 30, 2017 10:26:18 am

Submitted by:

manish ranjan

गोयल ने बताया कि, मैने इसरो के चेयरमैन से इस पर बात भी की। हम रेलटेल के साथ मिलकर रेलवे सेफ्टी को लिए स्पेस टेक्नोलॉजी की मदद लेंगे।

Piyush Goyal

नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ रहे रेल हादसे रेलवे मंत्रालय के लिए चिंता का सबब बनते जा रहें है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे अब भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के साथ सेफ्टी मैकेनिज्म पर काम कर रहा है। इसकी जानकारी रेल मंत्री पियूष गोयल ने दिया। गोयल ने बताया कि, रेलवे सेफ्टी हमारे लिए एक बड़ी चिंता है जिसको लेकर हम इसरो के साथ काम कर रहे हैं। उन्होने ने बताया कि, मैने इसरो के चेयरमैन ए एस किरन कुमार से इस पर बात भी की। हम रेलटेल के साथ मिलकर रेलवे सेफ्टी को लिए स्पेस टेक्नोलॉजी की मदद लेंगे।


गोयल ने बताया, रेलवे सेफ्टी हमारे लिए एक चिंता का विषय है। इसको लेकर जो चर्चा हुई वो हमारी आंखे खोलने वाली हैं, लेकिन संभावनाओं के मुताबिक इसरो द्वारा विकसित स्ेपट टेक्नोलॉजी भारतीय रेलवे को सुरक्षित करने में काफी मददगार होगा। पिछले महीने में रेल हादसे की कई घटनाएं हुई है, इसके बाद सितंबर माह के शुरूआत में हुए मंत्रीमंडल में हुए फेरबदल में सुरेश प्रभु को रेलवे मंत्रालय से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। इंडियन मोबाइल कांग्रस में बोलते हुए गोयल ने कहा, कंप्यूटर प्रणाली को अपनाने वालों मे से रेलवे सबसे पहले था और सेफ्टी जैसे कई ऑपरेशनल प्रोसेस में मदद करता है।


मंत्री ने कहा,1960 के दशक से ही रेलवे कंप्यूटर प्रणाली को अपना लिया था और 1985 में पैसेंन्जर आरक्षण प्रणाली को कंप्यूटरीकृत कर दिया गया था। मुझे याद है 1990 के दशक में बैंको में कंप्यूटर प्रणाली की शुरूआत हुई थी। मेरे लिए यह एक रोचका जानकारी थी की 1960 के दशक मे ही भारतीय रेल ने कंप्यूटर को अपना लिया था। मैं इससे से बहुत खुश हूं और शायद हम पहले ही इसे रेलवे सेफ्टी के लिए अपना सकते थे। मौजूदा समय के आर्टिफिशियल तकनीक और मशीन लर्निंग पूरी दुनिया मे काम करने के तरीके को बदल रहा है। भारत के पास भी ये मौका है कि इन सुविधाओं को अपने देश में लाए। मैने रेलटेल से एक ऐसे प्रोग्राम के बारे मे सोचने को कहा है जो हजारो रेलवे स्टेशनों को वाई-फाई से जोड़ दें।


गोयल ने आगे कहा कि, हम वास्तव में रेलवे स्टेशन के आसपास के गावों मे भी वाई-फाई की सुविधा दे सकते हैं और ऐसे ग्रामीण भारत को भी नए दौर की तकनीक से जोड़ सकते हैं। हमे वहां के बच्चो कों भी वहीं तकनीक प्रदान करनी चाहिए जो हमारे शहरों में मिल रहा है। अभी भी करोड़ो लोगों के लिए 24 घंटे बिजली और कनेक्टिवीटी एक सपना है और हमारी सरकार इसके लगातार काम कर रही हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो