केवाईसी नियमों का पालन अनिवार्य
आरबीआई की गाइडलाइंस में कई बातों के बारे में जिक्र किया है। जैसे ग्राहक यूपीआई के दूसरे कंपनियों या बैंकों से पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे। यूपीआई नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया का ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम है। इसके पहले ई-वॉलेट के जरिए एक ही कंपनी के दूसरे वॉलेट में पैसे ट्रांसफर किए जाते थे। फिलहाल एक ई-वॉलेट से दूसरे ई-वॉलेट में वो ही कंपनियां पैसे ट्रांसफर कर सकती जो सरकार के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई से जुड़े हैं। केवाईसी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वित्तिय संस्थान अपने ग्राहकों के बारे में जानकारी सुनिश्चित करती है ताकि भविष्य में इन सेवाओं का दुरुपयोग न किया जा सके।
ऐसे मिलेगा फायदा
केवाईसी पूरी होने तक यूजर्स केवल 10 हजार रुपए ही ट्रांसफर कर सकेंगे। यदि कोई यूजर 12 महीने के अंदर अपना केवाईसी पूरा कर लेता है तो वह एक लाख रुपए तक ट्रंासफर कर सकता है।
चीन से आगे होगा भारत
एड वल्र्ड पेमेंट्स रिपोर्ट 2017 के मुताबिक वर्ष 2022 तक देश का मोबाइल वॉलेट उद्योग बढक़र 4.4 अरब डॉलर तक हो सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया में डिजिटल भुगतान में तेजी का मुख्य कारण चीन और भारत हैं जो लगातार डिजिटल सेवाएं मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले वर्षों में बेहतर कनेक्टिविटी और स्मार्टफोन यूजर्स की बढ़ती संख्या की वजह से भारत के मुकाबले चीन में ज्यादा वृद्धि की उम्मीद हैं। हालांकि इस मामलें में भारत भी चीन से पीछे नहीं है।