scriptदीवाली पर नहीं मिला सस्ते कर्ज का तोहफा, RBI ने नहीं घटाई दरें | RBi will take its call in rate cut today Know what experts think | Patrika News

दीवाली पर नहीं मिला सस्ते कर्ज का तोहफा, RBI ने नहीं घटाई दरें

locationनई दिल्लीPublished: Oct 04, 2017 03:59:34 pm

Submitted by:

manish ranjan

अभी हाल ही मे बैंक ऑफ अमेरिका और मेरिल लिंच ने कहा था कि उर्जित पटेल जरूर इस कमेटी के सामने रेट करने की बात को टाल सकते है।

Urjit Patel

नई दिल्ली। इस दीवाली आपको सस्ते कर्ज का तोहफा नहीं मिलेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने मॉनिटरी पॉलिसी की समीक्षा बैठक में दरें नहीं घटाई। आरबीआई ने रेपो रेट 6 फीसदी पर ही बरकरार रखा। इसी के साथ रिवर्स रेपो रेट भी बिना बदलाव के 5.75 फीसदी पर कायम रहा। इसके अलावा बैंक रेट और एमएसएफ रेट 6.25 फीसदी पर बरकरार रहेगा। हालांकि आरबीआई ने एसएलआर 0.5 फीसदी घटाकर 19.5 फीसदी किया है। आरबीआई की अगली क्रेडिट पॉलिसी 5-6 दिसंबर के दौरान होगी। अभी हाल ही मे बैंक ऑफ अमेरिका और मेरिल लिंच ने अपनी राय मे कहा था कि रिजर्व बैंक गर्वनर उर्जित पटेल जरूर इस कमेटी के सामने रेट करने की बात को टाल सकते है। इसमें जीडीपी की वृद्धि दर मे गिरावट के अलावा महंगाई का लक्ष्य के भीतर रहने जैसे कारण गिनाए जा सकते है। जानकार मान रहे है कि महंगाई कम है और नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद अर्थव्यवस्था को झटका लगा है। ऐसे में नीतिगत दरों में कटौती के जरिए कर्ज को सस्ता किए जाने की जरूरत है। गौरतलब है कि जून तिमाही में आर्थिक विकास दर गिर कर 5.7 फीसदी के स्तर पर आ गई है।


बदलाव की उम्मीद नहीं – बैंकर्स

देश के कई बैंकर्स का मानना है कि पिछले कुछ समय के दौरान महंगाई बढ़ी है। ऐसे में रिजर्व बैंक नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति बनाए रखेगा। एसबीआई रिपोर्ट केअनुसार 4 अक्टूबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में रिजर्व बैंक नीतिगत दरों को लेकर यथास्थिति बनाए रख सकता है। क्योंकि रिजर्व बैंक लो ग्रोथ, महंगाई में नरमी और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता जैसी गंभीर मुश्किलों को सामाना करना पड़
रहा है।


इंडस्ट्री ने की कटौती की मांग

इंडस्ट्री ने आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए दरो में कटौती करने की मांग की है। इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम ने भारतीय रिजर्व बैंक को लिखा है कि ब्याज दरों में कम से कम 25 आधार अंक की कटौती की जानी चाहिए। अर्थव्यवस्था इस समय चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में ग्रोथ के लिए कटौती जरूरी है।


क्या कहती है मोर्गन स्टेनली की रिपोर्ट

मोर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट में कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि रिजर्व बैंक दरों में और कटौती नहीं करेगा। पहले से ही महंगाई में वृद्धि का रुझान है। इसके अलावा आने वाले समय में भी महंगाई बढऩे का अनुमान है। ऐसे में रिजर्व बैंक के पास दरों में कटौती की गुंजाइश बहुत कम हे। पिछले सप्ताह वित्त मंत्रालय ने कहा था कि आगामी सनीक्षा बैठक में दरें घटने की गुजाइश है क्योंकि खुदरा महंगाई अब भी काफी कम है।


अगस्त में घटी थी रेपो रेट

अगस्त में हुई समीक्षा बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.25 फीसदी तक घटा कर 6 फीसदी कर दी थी। रिजर्व बैंक ने इसके लिए महंगाई का जोखिम कम होने का हवाला दिया था। इस मीटिंग में रिजर्व बैंक ने 10 माह में रेट में पहली बार कटौती की। हालांकि अगस्त में खुदरा महंगाई बढ़ कर 3.36 फीसदी हो गई जो कि पिछले 5 महीनों में सबसे अधिक है। ऐसा सब्जियों ओर फलों की कीमतें बढऩे के कारण हुआ है। जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक कम थी।

ट्रेंडिंग वीडियो