गुरुवार को होने वाली बोर्ड बैठक में 31 मार्च 2020 को समाप्त हुई चौथी तिमाही के स्टैंडअलोन और कंसोलिडेटिड वित्तीय परिणामों को मंजूरी देने के साथ-साथ शेयरहोल्डर्स को दिए जाने वाले डिविडेंड पर भी विचार किया जाएगा।
सालों बाद पब्लिकली पैसा जुटाएगी कंपनी- कर्ज से मुक्ति पाने के लिए कंपनी हरसंभव प्रयास कर रही है। अप्रैल में ही कंपनी ने नॉन-कन्वर्टेबल डिबेंचर (एनसीडी) के जरिए 25 हजार करोड़ रुपए जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अब 29 साल बाद सार्वजनिक रूप से धन जुटाने के लिए कंपनी एक बार फिर से राइट इश्यू सहारा लेने की योजना बना रही है। आपको बता दें कि 1991 में रिलायंस ( RELIANCE ) ने डिबेंचर्स के जरिए धन जुटाया था। बाद में इन डिबेंचर्स को 55 रुपए की दर से इक्विटी शेयर में बदल दिया था।
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क्या होते हैं राइट्स शेयर- शेयर मार्केट में रजिस्टर्ड कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए राइट्स इश्यू जारी करती हैं। इसके जरिए कंपनियां अपने शेयरधारकों को ही अतिरिक्त शेयर खरीदने को मंजूरी देती हैं। शेयरधारक कंपनी की ओर से बताए गए टाइम पीरियड में ही राइट्स इश्यू के जरिए शेयर खरीद सकते हैं। इन शेयर्स की खास बात ये है कि ये कंपनी के मालिकाना हक पर कोई असर नहीं डालते हैं।