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छोटे कारोबारियों को बढ़ावा देने लिए सरकार करने जा रही है बड़ा बदलाव, मिलेगा बड़ा फायदा

locationनई दिल्लीPublished: Feb 06, 2019 03:07:18 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

छोटे उद्योगों एवं कारोबारियों को फायदा आैर प्रोत्साहन देने के लिए सरकार केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की टेंडर प्रक्रिया की समीक्षा करने पर विचार कर रही है जिससे छोटे कारोबारियों को भी इसमें हिस्सा लेने में आसानी हो सके।

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छोटे कारोबारियों को बढ़ावा देने को सरकार करने जा रही है बड़ा बदलाव, मिलेगा बड़ा फायदा

नर्इ दिल्ली। छोटे उद्योगों एवं कारोबारियों को फायदा आैर प्रोत्साहन देने के लिए सरकार केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की टेंडर प्रक्रिया की समीक्षा करने पर विचार कर रही है जिससे छोटे कारोबारियों को भी इसमें हिस्सा लेने में आसानी हो सके। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार के सृजन में छोटे कारोबार की हिस्सेदारी को देखते हुए सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों में छोटे उद्योगों से खरीददारी अनिवार्य की है। इसके बेहतर परिणाम भी सामने आए हैं, लेकिन अपेक्षित परिणाम के लिये सरकार ने व्यापक स्तर पर बदलाव का फैसला किया है।

ये हो सकते हैं बदलाव
सूत्रों के अनुसार, कई बार छोटे उद्योग सार्वजनिक उपक्रमों की आवश्कता के अनुरूप आपूर्ति करने में सक्षम होते हैं, लेकिन प्रक्रिया में उलझ जाने की वजह से उन्हेें कांट्रैक्ट नहीं मिल पाता। इसलिए सरकार सार्वजनिक उपक्रमों की टेंडर प्रक्रिया की समीक्षा पर विचार कर रही है, जिससे इसे उनके अनुकूल बनाया जा सके। इस दौरान अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के छोटे कारोबारियों की समस्याओं पर खास तौर से ध्यान दिया जाएगा। सार्वजनिक उपक्रम खरीद नीति के अनुसार, सरकारी विभागों एवं उपक्रमों के लिए वर्ष की कुल खरीद में से 25 फीसदी छोटे उद्योगों से करना अनिवार्य है। इसमें से भी चार खरीद अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कारोबारियों से होगी। इसके अलावा 358 वस्तुएं यें छोटे उद्योगों से खरीदना अनिवार्य कर दिया गया है।

63 हजार से ज्यादा छोटे उद्योगों को दिए आॅर्डर
आंकड़ों के अनुसार, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के छोटे कारोबारियों से सार्वजनिक उपक्रमों में खरीद 0.48 फीसदी तक ही पहुंच पार्इ है। हालांकि केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों ने वर्ष 2018-19 में 63 हजार से ज्यादा छोटे उद्योगों को 27 हजार करोड़ रुपए के ऑर्डर दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि छोटे उद्योगों के उत्पादों को बड़े उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप बनाने के लिए उन्हें तकनीकी रूप से समृद्ध बनाया जा रहा है। उन्हें विश्व स्तर की प्रौद्योगिकी उपलब्ध करार्इ जा रही है। इससे उनके उत्पाद गुणवत्तायुक्त तथा प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे। छोटे कारोबारियों को प्रशिक्षण देने के लिये आगरा, वाराणसी, पटना, गुवाहाटी, कोलकाता, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई, राँची, भुवनेश्वर, मुंबई और लुधियाना में प्रशिक्षण कार्यालय बनाये गये हैं। इनमें छोटे कारोबारियों को तकनीकी, वित्तीय तथा बाजार संबंधी मदद दी जाती है।

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