अभी ये है हाल डब्ल्यूईएफ के शोध के अनुसार, दुनियाभर की कंपनियों पर किए गए एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि अभी दफ्तरों में 29 फीसदी काम मशीनों ओर 71 फीसदी कमा मनुष्यों द्वारा किया जाता है। लेकिन कंपनियों की ओर से ऑटोमेशन और रोबोटिक्स तकनीक अपनाने की वजह से भविष्य में यह तस्वीर बदल जाएगी। इस कारण मशीनों एवं एल्गोरिद्म के साथ मनुष्यों का काम करने का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा। डब्ल्यूईएफ के शोध के अनुसार 2022 तक दफ्तरों में 58 फीसदी कार्य मनुष्यों और 42 फीसदी कार्य मशीनों की ओर से किया जाएगा। 2025 में इस स्थिति में और बदलाव होगा और मशीनों द्वारा किए जाने वाला कार्य का हिस्सा बढ़कर 52 फीसदी हो जाएगा।
एक सकारात्मक पहलू भी हालांकि, इस शोध में एक सकारात्मक पहलू भी सामने आया है। शोध के अनुसार, 2025 में रोबोट क्रांति अपने चरम पर होगी, इसके बावजूद इससे रोजगार भी पैदा होंगे। शोध में कहा गया है कि रोबोट क्रांति की वजह से अगले पांच सालों में 58 मिलियन शुद्ध नौकरियां भी पैदा होंगी। नई नौकरियों को लेकर किए गए इस दावे को इस रिपोर्ट का सकारात्मक पहलू भी माना जा रहा है। शोध में सुझाव दिया गया है कि पूरी दुनिया में एक और औद्योगिक क्रांति के जरिए करीब 133 मिलियन नौकरियां पैदा की जा सकती हैं। हालांकि, इन नौकरियों को पैदा करने के लिए चलाई जाने वाली औद्योगिक क्रांति से 75 मिलियन लोग विस्थापित होंगे।ॉ