माल की कमी के कारण नहीं मिल रहा था रूह अफजा
आपको बता दें कि माल की कमी के कारण बाजार से रूह अफजा गायब होता जा रहा था, लेकिन रूह अफजा की मांग को देखते हुए कंपनी ने फिर से इसका उत्पादन बड़ा दिया है और अब आप इसको आसानी से खरीद सकते हैं। कच्चे माल की कमी की बजाय ‘रूह अफजा परिवार’ में चल रहे विवाद के कारण Rooh Aafza की सप्लाई कम हो रही थी, जिसको पूरा करने के लिए कंपनी ने एक बार फिर से प्रोडक्शन को बढ़ा दिया है।
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रूह अफजा के बिना गर्मी में हो रहे थे लोग परेशान
कुछ दिन पहले कंपनी ने जानकारी देते हुए बताया था कि कच्चे माल की कमी हो गई है, जिसके कारण हम माल की सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। जैसे ही हमारे पर माल की कमी खत्म हो जाएगी हम वैसे ही बाजार में माल की सप्लाई को बढ़ा देंगे। वहीं, सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि इस बार बिना रूह-अफजा के गर्मी कैसे कटेगी।
1906 में शुरू किया था कारोबार
रूह अफजा की सप्लाई का मामला उस समय चर्चित हो गया जब हमदर्द लैबोरेटरीज पाकिस्तान ने रमजान के चलते अमृतसर में वाघा बॉर्डर के जरिए भारत में रूह अफजा की सप्लाई करने का ऑफर दिया था। हकीम हाफिज अब्दुल मजीद ने 1906 में पुरानी दिल्ली में हमदर्द दवाखाना की नींव रखी थी और 1907 में रूह अफजा लॉन्च किया था। 1947 में विभाजन के बाद, उनके बड़े बेटे भारत में रहे जबकि छोटे बेटे पाकिस्तान चले गए। उन्होंने वहां जाकर कराची में हमदर्द की शुरुआत की और रूह अफजा बेचना शुरू किया।
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