किसान विरोधी है डील
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे गए अपने पत्र में स्वेदशी जागरण मंच ने कहा है कि संघ आैर सरकार, दोनों में इस बात को लेकर सहमति थी कि मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआर्इ) से उद्यमशीलता आैर रोजगार पैदा करने के अवसरों के लिए ठीक नहीं होगा। ये एक तरह से किसान विरोधी है आैर इसलिए इस डील को अनुमति नहीं दी जा सकती है। मंच ने अपने पत्र में दावा किया है कि वाॅलमार्ट र्इ-काॅमर्स के रास्ते भारतीय बाजार पर हमला करेगा। ये बात भी ध्यान देने योग्य है कि दुनिया में कहीं भी वाॅलमार्ट काे कोर्इ भी मार्केट प्लेस माॅडल नहीं हैं। मंच ने कहा कि हम बड़े भारी मन से प्रधानमंत्री को ये पत्र लिख रहे हैं आैर गुजारिश करते हैं कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करेंग।
डील से लघू आैर मध्यम व्यापारियों को लगेगा झटका
मंच ने अपनी बात को पुख्ता तरीके से रखने के लिए दूसरे देशों के अनुभवों आैर वाॅलमार्ट, कास्को का उदाहरण भी दिया। इसके साथ उसने बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा घरेलू कंपनियों के अधिग्रहण के इतिहास का भी जिक्र किया। पत्र में प्रधानमंत्री को चेताते हुए लिखा कि अब खतरा दरवाजे पर खड़ा है आैर इससे बाजार में भारी उथल-पुथल मच सकती है। इससे लघु आैर मध्यम व्यापार, छोटी दुकान आैर ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा होने के अवसर पर खतरा है।
प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप का विश्वास
मंच ने कहा है, “हमें विश्वास है कि आप हस्तक्षेप करेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति का हित सुरक्षित रहे। वैश्विक स्तर पर छह बड़े देशों के बाद वॉलमार्ट चीनी सामानों का सबसे आयातक है, और उसका नंबर सातवां है।” उसने आगे कहा कि “इन प्रोडक्ट्स में वे लगातार निवेश करना जारी रखेंगे, जो हमारे छोटे और मध्यम कारोबारियों को खत्म कर देंगे। और आगे ये मेक इन इंडिया के सपने को भी झटका लेगगा। हम ये भी जानते हैं कि वे फूड के मल्टी ब्रैंड रिटेल में दिलचस्पी रखते हैं, और इन दोनों का संयुक्त उपक्रम किसानों के हित को खत्म कर देगा।”