scriptबढ़ती जा रही हैं Maggi की मुश्किलें, SC ने लिया बड़ा फैसला | SC took big decision against Maggi | Patrika News

बढ़ती जा रही हैं Maggi की मुश्किलें, SC ने लिया बड़ा फैसला

locationनई दिल्लीPublished: Jan 04, 2019 12:16:09 pm

Submitted by:

Dimple Alawadhi

नेस्ले इंडिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इस विवाद को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने नेस्ले इंडिया के खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) में सरकार के केस में आगे की कार्यवाई की अनुमति प्रदान कर दी है।

maggi

बढ़ती जा रही हैं Maggi की मुश्किलें, SC ने लिया बड़ा फैसला

नई दिल्ली। नेस्ले इंडिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। नेस्ले (Nestle) की मैगी (Maggi) अनुचित व्यापार तरीके अपनाने, झूठी लेबलिंग और भ्रामक विज्ञापनों जैसे आरोपों से घिरी है। मैगी का ये विवाद आज का नहीं, बल्कि कई साल पुराना है। इस विवाद को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने नेस्ले इंडिया के खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) में सरकार के केस में आगे की कार्यवाई की अनुमति प्रदान कर दी है। सरकार ने कंपनी को अनुचित व्यापार तरीके अपनाने, झूठी लेबलिंग और भ्रामक विज्ञापनों का दोषी बताते हुए 640 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग की है।


इन विवादों से घिरी है मैगी

‘टेस्ट भी हेल्दी भी’ के दावे के साथ ‘दो मिनट में मैगी’ परोसनी वाली कंपनी नेस्ले इंडिया के इस विवाद को कुछ साल हो चुके हैं। एक समय था जब भारत में नूडल्स के कारोबार पर नेस्ले इंडिया के उत्पाद ‘मैगी’ का राज था। लेकिन साल 2015 में की गई जांच में पाया गया कि मैगी में लेड की मात्रा ज्यादा है। तय मानक के अनुसार के किसी फूड प्रॉडक्ट में लेड की मात्रा 2.5 पीपीएम तक ही होनी चाहिए, लेकिन मैगी के नमूनों में इसकी मात्रा इससे काफी अधिक थी।


FSSAI ने लगाई थी कंपनी पर रोक

इसके बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने मैगी नूडल्स पर रोक भी लगा दी थी और इसे मानव उपयोग के लिए ‘असुरक्षित और खतरनाक’ बताया था। हालांकि, बाद में कंपनी ने उत्पाद में सुधार के दावे के साथ इसे फिर भारतीय बाजार में उतारा। तब मंत्रालय ने 30 साल पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून के एक प्रावधान का इस्तेमाल करते हुए नेस्ले इंडिया के खिलाफ एनसीडीआरसी (NCDRC) में शिकायत दर्ज कराई थी।


जानलेवा है लेड

मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी के वकीलों ने भी इस बात को स्वीकार किया कि मैगी में लेड की मात्रा अधिक थी। जबकि पहले तर्क दिया गया था कि लेड की मात्रा परमीसिबल सीमा के अंदर थी। बता दें लेड सेहत के लिए काफी खतरनाक है। अधिक लेड सेवन की वजह से किडनी खराब हो सकती है और नर्वस सिस्टम डैमेज भी हो सकता है।

Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business News in Hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो