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सत्यम घोटाला – प्राइस वाटरहाउस पर लगा 2 साल का बैन

locationनई दिल्लीPublished: Jan 11, 2018 10:52:03 am

Submitted by:

manish ranjan

बाजार नियामक सेबी की बड़ी कार्रवाई

pwc
नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने करोड़ों रुपए के सत्यम घोटाले मामले में प्राइसवाटर हाउस पर लि‍स्‍टेड कंपनियों को ऑडि‍ट सेवा देने पर रोक लगा दी है। साथ ही प्राइसवाटर हाउस के दो पार्टनर भी भी तीन साल का प्रतिबंध लगाया है। साथ ही कंपनी के दो चार्टर्ड एकाउंटेंट – एस गोपालकृष्‍णन व श्रीनि‍वास तल्‍लूरी को गैर कानूनी ढंग से कमाए गए 13 करोड़ रुपए लौटाने का आदेश भी दि‍या है। इन तीनों को इस रकम पर 12 फीसदी ब्‍याज भी देना होगा जि‍सकी गणना 7 जनवरी 2009 से की जाएगी। 45 दि‍नों के भीतर तीनों को ऐसा करना होगा। सेबी के आदेश में यह भी कह गया है कि कोई भी लि‍स्‍टेड कंपनी या सेबी से रजि‍स्‍टर्ड इंटरमिडेरी दो साल के लि‍ए ऐसी कि‍सी ऑडिट फर्म को अपने काम में एंगेज नहीं करेंगी जो प्राइस वाटरहाउस से जुड़ी हों। इस 108 पेज के आदेश में सेबी के पूर्णकालि‍क सदस्‍य जी महालिंगम ने कहा, मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि ऑडिटर्स इस बात को साबि‍त करने में नाकाम रहे कि उन्‍होंने अपना काम उस प्रोफेशनल ईमानदारी के साथ कि‍या, जि‍सकी जरूरत थी। ऑडि‍टर्स इस बात से परि‍चि‍त थे कि उनकी इस नजरअंदाजी आगे चलकर एक बहुत बड़ी धोखाधड़ी बन जाएगी।
2009 का मामला
सत्यम घोटाले का मामला 2009 का है जब सत्‍यम कंप्‍यूटर सर्वि‍सेज के चेयरमैन बी रामलिंगा राजू ने इस बात को स्‍वीकार कि‍या कि कंपनी के खातों में करीब 54 अरब रुपए की हेराफेरी की गई थी। इस खुलासे के बाद सेबी ने मामले में जांच बैठाई और प्राइस वाटरहाउस व उससे जुड़ी अन्‍य फर्म को फरवरी 2009 में नोटि‍स जारी कि‍या। सत्यम घोटाले के मुख्य आरोपी बी रामलिंगा राजू को जेल की हवा भी खानी पड़ी थी।
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