scriptसेबी ने PACL पर लगाया 2,423 करोड़ का जुर्माना | SEBI imposes penalty of 2423 crore on PACL and its four directors | Patrika News

सेबी ने PACL पर लगाया 2,423 करोड़ का जुर्माना

locationनई दिल्लीPublished: Sep 08, 2017 11:57:00 am

Submitted by:

manish ranjan

सेबी ने कंपनी और चार निदेशकों पर लोगों से अवैध तरीके से धन की उगाही करने का आरोप लगाया है।

SEBI

नई दिल्ली। गुरूवार को बाजार नियामक सेबी ने PACL और उसके चार निदेशकों पर 2,423 करोड़ रुपए का पेनाल्टी लगाया है। सेबी ने कंपनी और चार निदेशकों पर लोगों से अवैध तरीके से धन की उगाही करने का आरोप लगाया है। सेबी ने इंवेस्टीगेशन के दौरान बताया कि तारलोचन सिंह, सुखदेव सिंह, गुरमीत सिंह और सुब्रत भट्टाचार्य के साथ कुछ पूर्व निदशकों ने रेग्यूलेटर से बिना कोई रजिस्ट्रेशन कराए लोगों से इंवेस्टीगेशन स्कीम के तहत धन की उगाही की है।


पहले भी लग चुका है जुर्माना

इसके पहले सेबी ने वर्ष 2015 मे PACL लिमिटेड और उसके चार निदेशकों पर अवैध एवं फ्रॉड तरीके से लोगों से धन उगाही के सिलसिले में 7,269 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगा चुका है। सेबी ने कहा कि, कंपनी को लोगो से इतने बड़े स्तर पर धोखा देने के लिए अधिक से अधिक पेनाल्टी लगनी चाहिए। लेकिन इस कदम को सेक्योरिटी अपीलेट ट्रीब्यूनल (SAT) में चैलेंज किया गया था जिसे उसने सेबी को फिर से फ्रेश ऑर्डर इश्यू करने का आदेश दिया था।


जबकि सेबी ने लगभग तीन साल पहले दूसरे स्कीम और रियल एस्टेट के नाम पर पैसे इकट्ठा करने वाले निवेशकों को 49,000 करोड़ रुपए वापस करने के लिए कहा था। नियामक ने एक नए आदेश में सेबी के प्रीवेंशन ऑफ फ्रॉड्यूलेंअ एंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस रेग्यूलेशन के तहत मॉनेटरी पेनाल्टी लगाने को कहा था। सेबी ने कहा कि , इसके रिफंड प्रॉसेस को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक कमेटी देख रही है, जो अभी तक कुछ सौ करोड़ ही इकट्ठा करने में कामयाब हुई है।


45 दिन के अंदर पेनाल्टी जमा करने का आदेश

हालांकि निवेशकों का ब्याज काफी अधिक होने के वजह से सेबी ने 49 पेज के आदेश मे कहा कि, उगाही द्वारा इकट्ठा किए हुए धन के बराबर ही मॉनेटरी पेनाल्टी लगाने का फैसला लिया गया है। सेबी ने पीएसीएल और उसके चार निदेशक- तारलोचन सिंह, सुखदेव सिंह, गुरमीत सिंह और सुब्रत भट्टाचार्य को एक साथ मिलकर 45 दिन के अंदर पेनाल्टी के अमाउंट को जमा करने का आदेश दिया है।


सेबी ने पाया कि इस गु्रप ने 15 साल की अवधि में नियमों को ताक पर रखते हुए अनरजिस्टर्ड सामूहिक कलेक्टिव निवेश स्कीम के तहत 49,000 करोड़ रुपए इक_ा किया है। गुरूवार को दिए गए आदेश में सेबी ने कहा, नियमों के उलंघन की व्यापकता को इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक साल से भी कम अवधि में गैर कानूनी ढंग से 2,423 करोड़ रुपए जुटाया गया।

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