दोनों भाइयों पर कंपनी के फंड में हेरफेर का अारोप
एक अंतरिम आदेश में नियामक ने इन सभी इकाइयों को किसी भी प्रकार की संपत्ति को डिस्पोज नहीं करने का भी आदेश दिया है। सिंह ब्रदर्स को कंपनी में किसी प्रकार की सहभागी बनने से भी मना किया गया है। हाल ही में सिंह ब्रदर्स को फोर्टिस हेल्थेकयर आैर रेलीगेयर एंटरप्राइज लिमिटेड से हाथ धोना पड़ा था। दोनों भाइयों पर इन कंपनियों की फंंड में हेरफेर का आरोप लगा है। इस मामले में सेबी ने पाया कि पहली बार यह नुकसान प्रमोटरों और प्रमोटर से संबंधित संस्थाओं को धन की मोड़ के कारण था।
फोर्टिस हेल्थकेयर, अपनी सहायक कंपनी के माध्यम से, उन तीन कंपनियों को अंतर-कॉर्पोरेट जमा दे रहा था जिनमें एक ही निदेशक थे। हालांकि सेबी ने कहा कि यह लेनदेन संबंधित पार्टी के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है। यह कर्ज हर तिमाही की शुरुआत में दिए गए थे आैर तिमाही के अंत में इन्हीं तीन इकाइयों द्वारा लौटाए भी गए। हमने बैलेंसशीट में इसे रिपोर्ट नहीं किया क्योंकि अवधि खत्म होने पर ये नील अमाउंट था। लेकिन सितंबर 2017 में समाप्त तिमाही में इन रकम को लौटाया नहीं किया गया क्योंकि उनके पास पर्याप्त कैशफ्लो नहीं उपलब्ध था।