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छोटे विक्रेता को आज भी सता रहा डर, कहीं ये नियम भी फेल न हो जाएं

locationनई दिल्लीPublished: Dec 31, 2018 12:21:44 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

छोटे विक्रेताओं को लगता है कि नई एफडीआई नीति से भी उनकी परेशानियां कम नहीं होंगी बल्कि बड़े मार्केटप्लेस इन प्रतिबंधों का भी कुछ न कुछ उपाय निकाल ही लेंगे।

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छोटे विक्रेता को आज भी सता रहा डर, कहीं ये नियम भी फेल न हो जाएं

नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनियों के छोटे व्यापारियों की मुश्किलें अभी भी कम नहीं हुई हैं। उनको आज भी डर बना हुआ है। छोटे विक्रेताओं को लगता है कि नई एफडीआई नीति से भी उनकी परेशानियां कम नहीं होंगी बल्कि बड़े मार्केटप्लेस इन प्रतिबंधों का भी कुछ न कुछ उपाय निकाल ही लेंगे। इससे पहले भी बड़ी कंपनियां ऐसा कर चुकी हैं।
सही तरह से लागू होंगे ये नियम?

बेंगलुरु की इलेक्ट्रॉनिक्स और असेसरीज ऑनलाइन विक्रेता कार्ट2इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर आदिल सलीम का कहना है, ‘पॉलिसी का सारा दारोमदार उसके अमल पर टिका है। हमें इसी बात की फ्रिक है कि इसे सही तरीके से लागू किया जाएगा या नहीं।’
पहले भी कारोबार में नहीं मिली थी बराबरी

इसके साथ ही सेलर्स ने कहा कि नए नियमों को इसलिए बनाया जाता हैं जिससे कि उनके कारोबार की सुरक्षा हो सके। इसके बाद भी अगर कोई कंपनी बनाए हुए नियमों का पालन नहीं करती है तो उस पर किसी भी प्रकार का जुर्माना नहीं लगाया जा सकता है। वहीं सेलर्स ने बातचीत में बताया कि इससे पहले भी प्रेस नोट 3 जारी किया गया था, जिसमें हमारे कारोबार की सुरक्षा के नियम होते थे, लेकिन कंपनियों ने उसका भी पालनव नहीं किया और नियमों को भी तोड़ दिया। एपडीआई द्वारा पहले बनाए गए नियमों ने भी हमें ऑनलाइन कारोबार में बराबरी नहीं दिलाई थी, क्योंकि उन नियमों को ठीक तरह से लागू नहीं किया गया था।
ई-कॉमर्स छोटे और मध्यम विक्रेता के लिए बना आकर्षण का केंद्र

सरकार ने इससे पहले भी फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को आदेश दिया था कि सभी नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। अगर ई-कॉमर्स कंपनी नियमों का पालन करती है तो उनके लिए कैशबैक और डिस्काउंट जैसे ऑफर्स देना मुश्किल हो जाएगा। फिलहाल अब ई-कॉमर्स कंपनियां सभी सेलर्स को बिना भेदभाव के वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक और ऐडवर्टाइजिंग जैसी सुविधाएं देगी, जिससे छोटे सेलर को लाभ मिल सके। साथ ही हमेशा से ही छोटे और मध्यम विक्रेता को ई-कॉमर्स कंपनियों ने आकर्षित किया है।
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