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कोरोना ने बिगाड़ा Startups का खेल, लॉकडाउन की वजह से पहली बार कम हुई बिक्री

locationनई दिल्लीPublished: Apr 04, 2020 01:11:59 pm

Submitted by:

Pragati Bajpai

कोरोना ने बिगाड़ा स्टार्टअप्स का खेल
बिक्री कम होने से मालिक परेशान
रीटेल स्टोर बंद करने की आ गई है नौबत

startups

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नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने पहली बार Startups की ग्रोथ पर ब्रेक लगा दी है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में स्टार्टअप्स को काफी अच्छी ग्रोथ मिली थी लेकिन फिलहाल इस महामारी की वजह से जाने-माने स्टार्टअप्स लगातार कम होती बिक्री से परेशान हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा नुकसान कंज्यूमर कैटेगरी जैसे फैशन (fashion ), ब्यूटी (beauty) और लाइफस्टाइल से जुड़े स्टार्टअप्स को हो रहा है।

दरअसल लॉकडाउन ( corona lockdown ) के घोषित होने के बाद से इन स्टार्टअप्स की सप्लाई चेन को करारा झटका लगा है। जिसकी वजह से इनकी बिक्री एकदम कम हो गई है। और ये हाल सिर्फ Nykaa, Zivame जैसे ब्रांड्स का नहीं बल्कि Amazon और Flipkart भी इससे परेशान हैं।

ज़रूरी चीजों को खरीद रहे हैं लोग-

दरअसल लॉकडाउन की वजह से लोग फिलहाल सिर्फ ज़रूरी चीजों को खरीद रहे हैं। जिसके चलते इन स्टार्टअप्स पर नेगेटिव इंपैक्ट पड़ा है। आलम ये है कि कई सारी कंपनियों को अपने ऑफलाइन स्टोर्स बंद तक करने पड़ रहे हैं।

अभी पिछले हफ्ते ऑनलाइन ब्यूटी एंड कॉस्मेटिक रिटेलर Nykaa ने अपने वेंडर्स को काम रोकने को लेकर जानकारी दी । कंपनी ने ऑल इंडिया ऑनलाइन वेंडर्स को भी बताया कि लॉकडाउन की वजह से कंपनी का कैश फ्लो काफी कम हो गया है जिसके चलते वो अपने वर्तमान पेमेंट्स को करने में असमर्थ हैं।

इसके साथ ही कंपनी ने अपने इंवेस्टर्स को भी फिलहाल पर्सनल हाइजीन और रोजमर्रा की जरूरतों पर फोकस करने की बात कही है।

होम डिलीवरी सर्विसेज की बढ़ेगी मांग-

जहां एक ओर लोग इन चीजों पर पैसा खर्चने से बच रहे हैं वहीं जरूरी सामान जैसे ग्रॉसरी और दवाइयों की बिक्री बढ़ रहा है। जानकारों का मानना है कि अगर यही सिचुएशन रही यानि लॉकडाउन लंबा खिंचा तो होम डिलीवरी सर्विसेज की मांग बढ़ोत्तरी होगी लेकिन जिन चीजों के लिए कस्टमर को घर से बाहर निकलना ( जिम, मॉल, डाइन आउट ) होगा उनकी मांग पर और भी बुरा असर पड़ेगा। जिसके चलते अर्बन कंपनी ने प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन की सर्विसेज भी ऑनलाइन शुरू कर दी है।

सैलेरी देने के लिए भी नहीं होंगे पैसे-

अगर यही हालात रहे तो कई कंपनियां दिवालिया हो सकती हैं। उनके पास स्टाफ को देने के लिए पैसे भी नहीं होंगे।

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