इस्मा ने एक विज्ञप्ति में कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में चालू सीजन में गन्ने की पेराई जल्दी शुरू हुई, इसलिए उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले इजाफा हुआ है। उद्योग संगठन की मानें तो बारिश कम होने और सफेद कीड़ों के प्रकोप के कारण महाराष्ट्र में इस साल चीनी के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले काफी कमी आएगी। इस्मा के अनुसार, पूरे देश में चीनी के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले कमी आ सकती है। गौरतलब है कि इस्मा ने पिछले साल जुलाई में गन्ने की फसल के आकलन के आधार पर 2018-19 में 350-355 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया था। उद्योग संगठन के अनुसार, पिछले सीजन 2017-18 में देश में चीनी का उत्पादन 320 लाख टन से अधिक रहा।
चालू सीजन में उत्तर प्रदेश में 117 चीनी मिलों में 31 दिसंबर तक चीनी का उत्पादन 31 लाख टन रहा और गन्ने की औसत रिकवरी 10.84 फीसदी दर्ज की गई, जबकि पिछले साल की समान अवधि में औसत 10.14 फीसदी की रिकवरी के साथ प्रदेश की 116 मिलों ने 33.3 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। इस्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रति एकड़ उत्पादकता पिछले साल के कम होने के कारण चीनी के उत्पादन में इस साल कमी आ सकती है। महाराष्ट्र में 31 दिसंबर तक 184 मिलों ने 43.98 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जबकि पिछले सीजन में 183 मिलों ने 38.39 लाख चीनी का उत्पादन किया था। महाराष्ट्र में औसत रिकवरी रेट पिछले साल के 10.23 फीसदी के मुकाबले इस साल 10.50 फीसदी है। उद्योग संगठन ने कहा कि इस साल महाराष्ट्र में चीनी मिलें जल्दी बंद हो जाएगी, क्योंकि गन्ने की उपलब्धता ज्यादा दिनों तक नहीं बनी रहेगी।
कर्नाटक में सीजन के शुरुआती तीन महीने में 63 मिलों में चीनी का उत्पादन 20.45 लाख टन रहा, जबकि पिछले सीजन में 63 मिलों ने 16.83 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। चालू सीजन में 31 दिसंबर तक चीनी का उत्पादन गुजरात में 4.3 लाख टन, आंध्रप्रदेश में 2.15 लाख टन, तमिलनाडु में 1.40 लाख टन, बिहार में 2.30 लाख टन, हरियाणा में 1.60 लाख टन, पंजाब में 1.20 लाख टन उत्तराखंड में 0.87 लाख टन और मध्यप्रदेश में 1.20 लाख टन हुआ है।