प्रदर्शनकारियों ने आदेश किया स्वागत
यह आदेश भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि तांबा प्रगालक संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोग सरकार से औपचारिक आदेश जारी करने की मांग कर रहे थे, क्योंकि वे सिर्फ मौखिक वादे से संतुष्ट होने वाले नहीं थे। आदेश का स्वागत करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें इस पर कैबिनेट के फैसले की आवश्यता है, अन्यथा कंपनी अदालत में जाएगी और स्थगन ले ली। वे यह भी चाहते हैं कि केंद्र सरकार भी इसी तरह का रुख अपनाए।
डिप्टी सीएम का आया था बयान
इससे पहले दिन में उप मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने सोमवार को तूतीकोरिन का दौरा किया और सरकार द्वारा स्थाई रूप से तांगा प्रगालक संयंत्र को बंद करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की घोषणा की। हिंसा प्रभावित शहर का दौरा करने वाले वे पहले वरिष्ठ राजनेता हैं। पन्नीरसेल्वम ने अस्पताल का भी दौरा किया और 22 मई को स्टरलाइट तांबा संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में घायल लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। इस प्रदर्शन में 13 लोगों की मौत हो गई थी।
उपमुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि घायलों को मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है। शहर में जनजीवन फिर से सामान्य हो रहा है। दुकानें व अन्य प्रतिष्ठान उपभोक्ताओं के लिए खुल रहे हैं। इंटरनेट कनेक्टिविटी रविवार की मध्य रात्रि से बहाल कर दी गई है। इसे 23 मई से रोक दिया गया था। तूतीकोरीन ट्रेडर्स संघ के एस.राजा ने आईएएनएस को बताया, “दुकानें अब खुल गई हैं। हालात सामान्य हो रहे हैं, लेकिन जब तक तांबा संयंत्र स्थाई तौर पर बंद नहीं होगा, शहर में पूर्ण शांति बहाल नहीं होगी।” राजा ने यह भी कहा कि जिन पुलिस अधिकारियों ने गोलियां चलाईं, उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। राजा के मुताबिक, पुलिस गोलीबारी में मारे गए 13 में से सात का पोस्टमार्टम किया गया है।