कारोबार

300 करोड़ रुपए के मदद से ये कंपनी देगी इतने लोगों को नौकरी

कंपनी 300 करोड़ रुपए से निवेश के साथ कर्इ तरह के अत्याधुनिक स्विस प्रीसिशन एंड असेंबली प्लांट में उच्च गुणवत्ता की उन्नत मशीनों से 24 घंटो काम करगी।

नई दिल्लीMar 29, 2018 / 01:51 pm

आलोक कुमार

नर्इ दिल्ली। भारत के मेक इन इंडिया पहल को आैर आगे ले जाने के लिए अायूजे समूह ने एक अच्छे पहल की शुरूअात की है। इस पहल के तहत कंपनी 300 करोड़ रुपए से अधिक निवेश के साथ कर्इ तरह के अत्याधुनिक स्विस प्रीसिशन एंड असेंबली प्लांट में उच्च गुणवत्ता की उन्नत मशीनों से 24 घंटो तक उत्पादन करेगी। इन मशीनों को आस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, जर्मनी व जापान से आयात किया गया है। कंपनी के इस नए पहल से करीब 250 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। जयपुर में स्थित कंपनी की ये अत्यंत उन्नत मशीनें जापान व स्विट्जरलैंड से आर्इ है आैर आरएस इंडिया संयंत्र की उत्पादन क्षमता प्रतिवर्ष 5650 एमटी की है।

 

स्विस प्रीसिशन एंड असेबली की स्थापना

इससे भारती के ’मेक इन इंडिया’ पहल को व मैकेनिकल इंजीनियरिंग से जुड़े सेक्टर अत्याधुनिक तकनीक इस्तेमाल करने, वैश्विक मानकों के उच्च गुणवत्ता के उत्पादों का उत्पादन करने में मदद मिलेगा। इस पहल को सार्थक व असरदार बनाने के लिए स्विट्जरलैंड आधारित वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र जोशी व उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी ( आरयूजे समूह ) ने जयपुर, राजस्थान में स्विट्जरलैंड आधारित कंपनी के संयुक्त उद्यम में भारत की अपनी तरह की पहली ’स्विस प्रीसिशन एंड असेबली’ यूनिट की स्थापना की है। इस एंटरप्राइज का लक्ष्य है विनिर्माण उद्योग को मैटल एनोडाइजिंग, पेंटिंग व हीट ट्रीटमेंट, आदि के मूल्यवर्धन समेत उच्च परिशुद्धतापूर्ण धातु के पुर्जों की उनकी जरूरत के लिए सर्वश्रेष्ठ समाधान मुहैया कराना।

 

प्रीसिशन पार्ट्स के विनिर्माण में निवेश सबसे जरूरी

इस एंटरप्राइज के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र जोशी ने कहा, “भारत में कई क्षेत्रों में प्रीसिशन पार्ट्स की अच्छी मांग है व प्रीसिशन पार्ट्स के विनिर्माताओं की अपेक्षाकृत बड़ी संख्या के बावजूद यह क्षेत्र आयात पर निर्भर है। आटोमोटिव, स्वास्थ्य सेवा, रसद, इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों जैसे अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों के विकास व विस्तार के लिए प्रीसिशन पार्ट्स के विनिर्माण में निवेश आवश्यक है। भारत में अवसर को देखते हुए हम अंतरराष्ट्रीय मशीनरी व तकनीक युक्त विश्वस्तरीय संयंत्र के साथ स्विस प्रीसिशन और असेंबली साॅल्यूशन भारत में मुहैया करा रहे हैं।”

 

निर्यात भी होगा प्रीसिशन पार्ट्स

यह नया उद्घाटित स्विस प्रीसिशन एंड असेंबली प्लांट शुरुआत में एसआरएम टेक्नोलॉजीज से प्राप्त कार्यदेशों को पूरा करेगा क्योंकि उनका स्विट्जरलैंड संयंत्र अपनी पूर्ण क्षमता पर कार्य कर रहा है और उसके पास 2 वर्षों के कार्यादेश पहले से ही हैं। सीमेंस, रौशे, श्नाइडर इलेक्ट्रिक, सिका, लीका, आॅडी व मैटलेयर जैसी कई वैश्विक प्रशंसित कंपनियां स्विट्जरलैंड में एसआरएम टेक्नोलॉजीज की नियमित ग्राहक हैं। अब भारत में समान उत्कृष्टता के साथ नवनिर्मित संयंत्र उन्हीं कंपनियों के लिए प्रीसिशन पार्ट्स के विनिर्माण में निवेश तैयार कर कार्यादेश के अनुरूप निर्यात करेगा।

COmpany

कड़ी हो रही विकासशील देशों के बीच प्रतिस्पर्धा

कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री पीटर स्ट्रेबेल ने कहा, “विकासशील देशों के बीच प्रतिस्पर्धा और कड़ी होती जा रही है और हाल के कीमत बढ़ाने वाले व भारतीय एवं स्विस उत्पादों की प्रतिस्पर्धा कम करने वाले आर्थिक लाभों को लेकर भारतीय उत्पादक घाटे में हैं। अपनी बढ़त को कायम रखने के लिए भारतीय विनिर्माता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कुशल व प्रभावी उत्पादन पर जोर दे रहे हैं। इन बदलावों को अपनाते हुए सभी औद्योगिक क्षेत्रों के उत्पादक लगातार उत्पादन प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने व सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। भारत में आने के बाद अब हम एसआरएम की उत्कृष्टता का उपयोग करते हुए आरएस इंडिया को इन चुनौतियों से उबरने में मदद करेंगे।”

Home / Business / 300 करोड़ रुपए के मदद से ये कंपनी देगी इतने लोगों को नौकरी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.