कंपनी ने बाहर निकालने के लिए की थी साजिश
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, इस शख्स का नाम फ्रेडरिक डेस्नर्ड है। डेस्नर्ड एक फ्रेंच परफ्यूम एंड काॅस्मेटिक कंपनी में काम करते थे। डेस्नर्ड अपने काम से तंग आकर कंपनी पर आरोप लगाया कि उनके नियोक्ता ने जानबूझकर उन्हें एक उच्च प्रोफाइल से डिमोट कर छोटे पद पर रखा था। उनके अनुसार इसके पीछे कंपनी की मंशा थी की वो अपने जाॅब से परेशान होकर अपनी स्वेच्छा से नौकरी छोड़ दें। बाद में एक कार क्रैश में घायल हाेने से उन्हें एक लंबे अवधि के लिए छुट्टी लेनी पड़ी जिसके बाद कंपनी ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया।
फ्रांस में कड़े हैं श्रम कानून
आपको बता दें कि फ्रांस में श्रम को कानून को पहले से आैर अधिक कड़ा बना दिया गया है। इस कानून के तहत कर्मचारियों को पहले से आैर अधिक अधिकार दिया गया है। 3,400 पन्नो के इस लेबर कोड के बाद अब किसी भी कर्मचारी को नौकरी से निकालना आसान नहीं है।
भारत में एेसा करना आपको पड़ सकता है महंगा
ध्यान देने वाली बात ये है कि केवल डेस्नर्ड ही एेसे व्यक्ति नहीं है जो अपने काम से संतुष्ट नहीं है। 2015 में एक शोध के मुताबिक अमरीका में करीब 68 फीसदी एेसे कर्मचारी है जो अपने काम को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। लेकिन यदि आप भारत में रहते हुए अपने बाॅस को कोर्ट में घसीटने की सोच रहे थे तो इससे पहले देश श्रम कानून को एक बार जरूर पढ़ लें नहीं तो इस कदम से आपके लेने के देने पड़ सकते हैं।