scriptITR की कॉपी जमा करने पर ही मिलेगी गैस सब्सिडी! | To get LPG subsidy, submitting ITR copy will be necessary | Patrika News

ITR की कॉपी जमा करने पर ही मिलेगी गैस सब्सिडी!

Published: May 09, 2016 10:49:00 am

आयकर रिटर्न की यह प्रति हर साल दाखिल करने का नियम बनाया जा रहा है

operator 9 thousand

The agency is seeking new connection operator 9 thousand

नई दिल्ली। गैस सिलेंडर पर सब्सिडी के दावे के लिए अब जल्द ही गैस उपभोक्ताओं को आयकर रिटर्न की प्रति दाखिल करनी होगी। आयकर रिटर्न की यह प्रति हर साल दाखिल करने का नियम बनाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) से कहा है कि वह सब्सिडी लेने वाले उपभोक्ताओं के आयकर रिटर्न को आयकर अधिनियम से जोड़े ताकि दस लाख रुपए की ज्यादा आय वाले लोगों के नाम गैस सब्सिडी से हटाए जा सकें।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल दिसम्बर में केन्द्र सरकार ने घोषणा की थी कि 10 लाख से ज्यादा वार्षिक आय वाले लोगों को गैस सब्सिडी नहीं दी जाएगी। इस घोषणा का क्रियान्वयन आय के स्व-घोषित आधार किया जाना था। पर कुछ ही लोगों ने सब्सिडी छोड़ी है। सूत्रों के अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय ने इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के मार्केटिंग हेड को इस संदर्भ में पत्र लिखा है।

अब तक 70 लाख ने छोड़ी सब्सिडी

मार्च 2015 से अब तक करीब 70 लाख लोगों ने एलपीजी गैस सब्सिडी छोड़ी है। इनमें से ज्यादातर वे लोग हैं जो एलपीजी सिलेंडर से पाइप लाइन नेचुरल गैस में शिफ्ट हुए हैं या ऑयल मार्केटिंग कंपनी के अफसर हैं। 10 लाख सु ज्यादा इनकम ग्रुप वाले बहुत कम ही सब्सक्राइबर्स ने सब्सिडी छोड़ी है।

पॉलिसी बदलने का यह होगा असर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नए नियमों के तहत ऑयल मार्केटिंग कंपनियां सब्सक्राइबर्स की इनकम का ब्योरा सीधे सीबीडीटी से लेंगी। इससे कंपनी को आसानी से पता चल जाएगा कि कौन सा सब्सक्राइबर किस इनकम ग्रुप का है और किसी सब्सिडी दी जानी चाहिए व किसे नहीं। अब तक सब्सक्राइबर्स अपनी इनकम का ब्योरा खुद ऑयल मार्केटिंग कंपनी को देते थे। इससे ज्यादातर सब्सक्राइबर्स ऑयल कंपनियों को सही जानकारी नहीं देते। जिस परिवार की सालाना इनकम 10 लाख रुपए से ज्यादा वह भी गैस सब्सिडी ले रहा है। नए नियम आने से जरूरतमंदों को सब्सिडी मिल सकेगी, वहीं जो लोग गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर खरीदने में आर्थिक रूप से सक्षम हैं उन्हें सब्सिडी नहीं देने से सरकार के खजाने पर भी बोझ कम होगा।
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