ये हैं वो चार कंपनियां
कुछ दिन पहले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का नाम स्टॉलक मार्केट में सबसे बड़ी कंपनी का नाम दर्ज हुआ था। यानि वो देश की सबसे बड़ी कंपनी बन गई थी। ऐसे में टाटा की ओर से जितने रोजगार देने चाहिए थे वो नहीं दिए। ताज्जुशब की बात तो ये है कि टीसीएस के अलावा इंफोसिस , विप्रो और एचसीएल इसी फेहरिस्तक में शामिल हैं। कमाई मामले में अव्व ल रहने वाली इन आईटी कंपनियों ने रोजगार के मामले में काफी कंजूसी दिखाई है।
तीन चौथाई कम दिए रोजगार
अगर बात आंकड़ों पर करें तो काफी शर्मनाक हैं। मार्च 2018 को समाप्त वित्त वर्ष में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल ने 13,972 नए कर्मचारियों की भर्ती की थी। ताज्जुमब की बात तो ये है कि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 59,427 था। इस जिहाज से इन चारों कंपनियों की ओर से नौकरियां तीन चौथाई कम नौकरियां दी हैं। जानकारों की मानें तो इसके पीछे सबसे बड़ी वजह आईटी सेक्टर में आया ऑटोमेशन है.
मुनाफे और रोजगार में बड़ा अंतर
प्राप्तऔ आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो इस बात का अंदाजा साफ लगाया जा सकता है कि कंपनियों के मुनाफे और कर्मचारियों के रेश्यो में बड़ा अंतर है। वित्त वर्ष 2018 में टीसीएस का राजस्व 11.68 फीसदी बढ़ा जबकि कर्मचारियों की संख्या में महज 2 फीसदी की वृद्धि हुई। वहीं इंफोसिस की बात करें तो कंपनी के मुनाफे में 7.2 फीसदी की बढ़ोत्त़री हुई। जबकि रोजगार वृद्धि सिर्फ 1.9 फीसदी की रही। विप्रो की आय में 5.5 फीसदी बढ़ोत्तेरी और कर्मचारियों की संख्या में महज 1 फीसदी का इजाफा किया।