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मोदी के दो चहेतों के बीच कड़ी टक्कर, इस बिजनेस को हथियाने की हो रही जंग

locationनई दिल्लीPublished: Jun 06, 2018 12:19:34 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

पतंजलि आयुर्वेद और अडानी विल्मर ने कर्जे में डूब चुकी रूचि सोया को खरीदने के लिए बोली लगायी है।

Baba ramd and Adani

मोदी के दो चहेतों के बीच कड़ी टक्कर, इस बिजनेस को हथियाने की हो रही जंग

नर्इ दिल्ली। कर्ज में डूबी रुची सोया को खरीदने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो चहेतों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। खबरों के अनुसार पतंजलि आयुर्वेद और अडानी विल्मर ने कर्जे में डूब चुकी रूचि सोया को खरीदने के लिए बोली लगायी है। बोली लगाने के पहले दौर में इस बात का खुलासा हुआ है कि पतंजलि ने रुचि सोया को खरीदने के लिए 43 अरब रुपये का प्रस्ताव दिया था, जो अडानी के 33 अरब रुपये के प्रस्ताव से 30 फीसदी अधिक है।


कर्इ अन्य कंपनियां भी लगा चुकी हैं बोली

अब देखने वाली बात यह है कि अडानी रुचि सोया को खरीदने के लिए बोली लगाने के अगले दौर में कैसा रुख अपनाते हैं। गौरतलब है कि खाद्य तेल उत्पादक रुची सोया ने 120 अरब रुपए से ज्यादा का कर्ज था। पिछले हफ्ते रुची सोया हासिल करने के लिए कई अन्य कंपनियों ने भी बोलियां लगाई थी। हालांकि पतंजलि का पहले से ही रुचि सोया से करार है। रुचि सोया पतंजलि को खाद्य तेल की आपूर्ति करती है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार पतंजलि के साथ गठजोड़ के जरिए गोदरेज एग्रोवेट इस कंपनी के लिए बोली लगा सकती है। अगर बोली कामयाब रहती है तो पतंजलि की योजना रुचि सोया की पाम तेल प्लांटेशन परिसंपत्तियों को बाहरी खरीदार मसलन गोदरेज एग्रोवेट को बेचने की है।


रुचि सोया की बाजार में है बड़ी हिस्सेदारी

रुचि सोया के पास देश में 61,700 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में प्लांटेशन है और यह कच्चा पाम तेल, कच्चा पाम कर्नल ऑयल आदि का उत्पादन करती हैं। रुचि सोया के प्रमुख ब्रांड न्यूट्रिला, महाकोश, सनरिच, रुचि स्टार और रुचि गोल्ड है। इन सभी ब्रांडों की बाजार में बड़ी हिस्सेदारी है। पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने एक इंटरव्यू में कहा कि रुचि सोया में पतंजलि का हित उसके आधारभूत संरचना के कारण है जिससे पतंजलि उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस सौदे को वित्त पोषित करने के लिए कंपनी पहले ही बैंकों से बात कर रही है।

 

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