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TRAI ने दिया निर्देश, कहा – एक तरह के चैनल एक साथ दिखाए जाएं

Published: Feb 24, 2019 03:36:05 pm

Submitted by:

Shivani Sharma

दूरसंचार नियामक ट्राई ने टेलिविजन चैनल वितरकों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि एक ही तरह के चैनलों को एक साथ रखा जाए तथा एक चैनल एक ही स्थान पर दिखे जैसा कि उसने नियमों में कहा है।

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TRAI ने दिया निर्देश, कहा – एक तरह के चैनल एक साथ दिखाए जाएं

नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक ट्राई ने टेलिविजन चैनल वितरकों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि एक ही तरह के चैनलों को एक साथ रखा जाए तथा एक चैनल एक ही स्थान पर दिखे जैसा कि उसने नियमों में कहा है। नियामक ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर संबंधित वितरक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ग्राहकों की शिकायत के बाद भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने यह निर्देश दिया।

ग्राहकों के लिए हैं जरूरी

यह निर्देश ग्राहकों के नजरिए से महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक ही तरह के चैनलों को एक साथ नहीं रखने से उन्हें इसे तलाशने में दिक्कत होती है। दूसरी तरफ एक ही चैनल के एक से अधिक जगहों पर दिखने से उसकी दृश्यता और रेटिंग पर असर पड़ता है। ताजा निर्देश टीवी चैनलों के वितरकों को जारी किया गया है। इसमें डीटीएच परिचालक तथा मल्टी सिस्टम परिचालक शामिल हैं।

एक तरह के चैनल दिखेंगे एक साथ

ट्राई को एक तरह के चैनल अलग-अलग रखने तथा एक ही चैनल को कई जगह दिखाने के बाद शिकायत मिली थी। ट्राई ने अपने निर्देश में कहा कि सेवा प्रदाताओं तथा ग्राहकों के हितों की रक्षा तथा क्षेत्र के सतत विकास के लिए सभी टेलीविजन चैनल वितरकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि वे एक जैसे चैनलों को एक ही स्थान पर रखे और एक चैनल एक ही जगह दिखाई दे।

ट्राई सलाहकार ने दी जानकारी

इसके साथ ही बताया कि इसका अनुपालन नहीं करने पर संबंधित वितरकों के खिलाफ ट्राई कानून के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। ट्राई के सलाहकार (प्रसारण) अरविंद कुमार ने कहा कि निर्देश तत्काल प्रभाव से अमल में आ गया है और टीवी चैनल वितरकों से कड़ाई से इसका अनुपालन करने को कहा गया है। यह निर्देश यह सुनिश्वित करने के लिये जारी किया गया है कि ग्राहकों को कोई परेशानी नहीं हो।

जुलाई में आया था नियम

नियामक के सेवा गुणवत्ता नियमन के प्रावधान के अनुसार प्रत्येक प्रसारक को भक्ति, सामान्य, मनोरंजन, सिनेमा और न्यूज जैसी श्रेणी के तहत यह बताना होगा कि उनके चैनल किस श्रेणी में आते हैं। यह जुलाई 2018 में अमल में आया।
(ये कॉपी भाषा से ली गई है।)

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