नियम तोड़ने पर देना होगा जुर्माना
नियामक ने कहा कि जो भी नये शुल्क आदेश तथा नियामकीय व्यवस्था का उल्लंघन करते पाये जाएंगे, उन्हें उसका खामियाजा भुगतना होगा। ट्राई उन इकाइयों के मामले में जल्दी ही ग्राहकों के लिये सेवा प्रबंधन तथा अन्य आईटी प्रणाली का ऑडिट भी शुरू करेगा, जो नियामकीय व्यवस्था का उल्लंघन कर रही हैं। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के चेयरमैन आर एस शर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं की रूचि तथा हित सर्वोपरि है और उससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
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ग्राहकों की असुविधा के बारे में मिली शिकायत
उन्होंने कहा कि जो कंपनियों नियमों का पालन नहीं कर रही, उन्हें उसका परिणाम भुगतना होगा। शर्मा ने कहा, ‘हमें ग्राहकों को हो रही असुविधा के बारे में शिकायतें मिली हैं। ये शिकायतें सॉफ्टवेयर तथा प्रणाली से जुड़ी हैं जिसे वितरकों ने रखा हुआ है। इससे ग्राहकों को उनकी पसंद के अनुसार विकल्प नहीं मिल रहे जबकि पूरी रूपरेखा का मकसद यही है। अगर रूचि के अनुसार चैनल पर पाबंदी है तो मूल रूप से आपका इरादा पैकेज और अपने एजेंडे को आगे बढ़ाना है। यह नियामकीय रूपरेखा की भावना के अनुरूप नहीं है।’
ट्राई प्रमुख ने दी जानकारी
इसके साथ ही कि ग्राहक अगर चैनल पैकेज चुनते हैं, तो ठीक है लेकिन कौन सा चैनल देखना है, यह विकल्प ग्राहकों के पास है और उन्हें इसकी सुविधा मिलनी चाहिए। ट्राई प्रमुख ने कहा, ‘अगर आप ग्राहकों को उनकी रूचि के हिसाब से चैनल के चयन की अनुमति नहीं देते हैं तब यह नियमों का उल्लंघन होगा। हमने इन चीजों को गंभीरता से लिया है और कई वितरकों को कारण बताओ नोटिस दिया है।’
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रूचि के हिसाब से करें चैनल का चुनाव
शर्मा ने कहा, ‘अगर आप किसी तरीके से ग्राहकों को उनकी रूचि के हिसाब से चैनल चयन को रोकते हैं तब हम पूर्ण नियामकीय शक्ति का उपयोग करेंगे ताकि इकाइयां नियमों का पालन ठीक से करे।’ ट्राई ऑडिट एजेंसियों को पैनल बनाने की प्रक्रिया में है और जल्दी ही उन कंपनियों के मामले में ग्राहकों के लिये सेवा प्रबंधन तथा अन्य आईटी प्रणाली की ऑडिट भी शुरू करेगा, जो नियामकीय व्यवस्था का उल्लंघन कर रही हैं।
9 कंपनियों को जारी किए दिशा निर्देश
उन्होंने कहा, ‘हमने नौ कंपनियों को दिशानिर्देश जारी किया है और पांच को कारण बताओ नोटिस दिया है। जल्दी ही हम विभिन्न सेवा प्रदाताओं की प्रणाली की आडिट करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि नये नियामकीय मसौदे का अनुपालन हो।’