विमान ईंधन पर उत्पाद शुल्क में बढ़ौतरी का प्रस्ताव ऐसे समय किया गया है जबकि एयरलाइंस जेट ईंधन पर शुल्क कटौती की मांग कर रही थीं
नई दिल्ली। आम बजट में विमान ईंधन पर 14 प्रतिशत के ऊंचे उत्पाद शुल्क के बाद विमान यात्रा महंगी हो जाएगी। हालांकि, बजट में एमआरओ कार्य के लिए करों को तर्कसंगत बनाकर विमानन क्षेत्र को राहत देने का भी प्रयास किया गया है।
कम करने की मांग थी बढ़ा दिया कर-
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा था कि सिर्फ क्षेत्रीय कनैक्टिविटी योजना के तहत विमानों को एटीएफ की आपूर्ति पर 8 प्रतिशत का उत्पाद शुल्क लगेगा। विमान ईंधन पर उत्पाद शुल्क में बढ़ौतरी का प्रस्ताव ऐसे समय किया गया है जबकि एयरलाइंस जेट ईंधन पर शुल्क कटौती की मांग कर रही थीं।
सौगात और निराशा दोनों मिले-
बजट 2016-17 विमानन क्षेत्र के लिए सौगात और निराशा दोनों लाया है। एयरलाइंस विमान ईंधन पर शुल्क कटौती की उम्मीद कर रही थीं। विमानन कंपनियों की लागत में एटीएफ का हिस्सा 40 प्रतिशत बैठता है। विमान ईंधन (एटीएफ) पर उत्पाद शुल्क को 8 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है।
मेक इन इंडिया को राहत-
हालांकि, मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने के इरादे से सरकार ने एमआरओ सेवाओं पर करों की दर को तर्कसंगत बनाने की मांग को स्वीकार कर लिया है। जेटली ने इस क्षेत्र के लिए कुछ राहत भी दी है। इसमें विमानों के कलपुर्जों पर आयात प्रक्रिया का सरलीकरण, शुल्क मुक्त कलपुर्जों के इस्तेमाल के लिए एक साल की अंकुश की खिड़की को समाप्त किया जाना और रखरखाव टूल्स और ट्रल किट पर सीमा शुल्क की छूट शामिल है।