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यूनिटेक ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, एनसीएलटी के फैसले को दी चुनौती

locationनई दिल्लीPublished: Dec 11, 2017 01:20:34 pm

Submitted by:

manish ranjan

कंपनी का नियंत्रण सरकार के पास जाने का मामला

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नई दिल्ली। यूनिटेक ने कंपनी पर सरकारी नियंत्रण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के उस फैसले को चुनौती दी है। जिसमें आदेश दिया गया था कि सरकार कंपनी का टेकओवर करेगी। कंपनी मामलों के मंत्रालय ने यूनिटेक के प्रबंधन को अपने हाथों में लेने के लिए एनसीएलटी में अर्जी दायर की थी। मंत्रालय ने इसके लिए कंपनी पर कुप्रबंधन एवं धन के हेरफेर का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि इसी महीने की 8 दिसंबर को एनसीएलटी ने यूनिटेक के 10 निदेशकों को निलंबित करते हुए कंपनी बोर्ड में सरकार को अपने निदेशक नियुक्त करने की अनुमति दे दी।
क्यों बिगड़े कंपनी के हलात

करीब 10 साल पहले यूनिटेक को भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी माना जाता था। लेकिन आज हालात ये कि कंपनी पर करोड़ों का कर्ज चढ़ चुका है और कंपनी को सरकार अपने कंट्रोल में ले रही है। यूनिटेक साल 2003 से 2008 के दौरान काफी तेजी से आगे बढ़ी। लेकिन 2008 के बाद कंपनी पर ग्रहण लगना शुरु हो गया। पहले कंपनी के एमडी संजय चंद्रा 2 जी घोटाले में फंसे फिर 2009 के बाद रियल एस्टेट में गिरावट का दौर आने लगा, जिससे कंपनी को काफी नुकसान हुआ।
टेलिनॉर को बेचनी पड़ी 67 फीसदी हिस्सेदारी

यूनिटेक के एमडी संजय चंद्रा की कंपनी यूनि‍टेक वायरलेस ने देश भर में 2 जी स्‍पेक्‍ट्रम के लि‍ए टेलि‍कॉम लाइसेंस के लि‍ए बोली लगाई और लाइसेंस हासि‍ल किया। लेकिन 2008 के बाद कंपनी ने टेलिनॉर को अपनी 67 फीसदी की हिस्सेदारी करीब 6000 करोड़ में बेच दी।
2 जी घोटाले ने तोड़ी कमर

2 जी घोटाले में कनिमोझी, डी राजा समेत कई राजनेताओं के साथ साथ कई कॉरपोरेट भी फंसे। इसी घोटाले में यूनिटेक के एमडी संजय चंद्रा की भी गिरफ्तारी हुई जिसके बाद कंपनी की साख बाजार में कम होती गई। यूनि‍टेक की परेशानी और बढ़ी क्‍योंकि‍ एक ओर पैसे की कमी हो गई और दूसरी ओर 2जी स्‍कैम में उनके प्रमोटर्स जेल में थे।
कर्ज के बोझ तले कंपनी

यूनिटेक पर करीब 15,000 एफडी होल्डर्स का 723 करोड़ रुपया बकाया है। जिसमें जेएम फाइनैंस का 870 करोड़, एचडीएफसी लि. का 250 करोड़, एसआरईआई इन्फ्रास्ट्रक्चर का 154 करोड़ रुपए और एलआईसी का 131 करोड़ रुपए शामिल है। वहीं यूनिटेक को अपने अटके प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने के लिए 900 करोड़ रुपए की जरूरत है।
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