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मर्जर से पहले Vodafone-Idea से 5,000 कर्मचारियों की होगी छूट्टी, टेलिकाॅम सेक्टर में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी

locationनई दिल्लीPublished: Apr 16, 2018 10:57:00 am

Submitted by:

Ashutosh Verma

मर्जर से पहले वोडाफोन आैर आइडिया करीब 5,000 कर्मचारियाें की छटनी कर सकती हैं। फिलहाल इन दोनों कंपनियों पर 1,20,000 करोड़ रुपए का कर्ज हैं।

Vodafone-idea

नर्इ दिल्ली। वोडाफोन इंडिया आैर आइडिया सेल्यूलर के मर्जर से पहले आने वाले दो महीनों में करीब 21,000 से अधिक कर्मचारियों में से एक चौथार्इ की नौकरी जा सकती है। माना जा रहा है कि मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी को पहले से अधिक कार्यकुशन बनाने के लिए इन कर्मचारियों को छटनी की जा सकती है। ये दोनों कंपनियां फिलहाल घाटे के दौर से गुजर रही हैं।


कंपनियाें पर बढ़े कर्ज को ध्यान में लेकर किया गया फैसला

इन दोनों कंपनियों काे संयुक्त रुप से देखा जाए तो इनपर 1,20,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। मौजूदा समय में आइडिया सेल्यूलर में 11,000 आैर वोडाफोन इंडिया में 10,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इन दाेनों कंपनियों के मर्जर को देखने वाली नोडल टीम ने फैसला किया है कि अाने वाले दाे महीनों में करीब 5,000 कर्मचारियों की छटनी की जा सकती है। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि, इन कर्मचारियों की छटनी जल्द होनी चाहिए क्योंकि इतने भारी कर्ज से दबी कंपनियां ये नहीं चाहेंगी की नए वेंचर की शुरुआत अधिक कर्मचारियों की बोझ के साथ हो।

 

 

खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियाें पर गिरेगी गाज

गौरतलब है कि टेलिकाॅम डिपार्टमेंट को छोड़कर पहले ही दूसरे रेग्यूलेटर्स ने इस मर्जर की मंजूरी दे चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, अप्रेजल के दौरान उन्हीं कर्मचारियों का निकाला जाएगा जिनकी प्रफाॅर्मेंस खराब है। वहीं इसके साथ ही उन कर्मचारियों को भी खतरा हैं जो एक ही प्रोफाइल पर दोनों कंपनियाें में काम कर रहे है। इन कर्मचारियों की संख्या काफी अधिक है।


देश के टेलिकाॅम सेक्टर में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी

पहले ही कर्इ टेलिकाॅम कंपनियों के बंद होने से देश के टेलिकाॅम सेक्टर में पहले से ही बेरोजगारी बढ़ गर्इ है। एेसे में इन दोनों कंपनियाें में होने वाले छटनी से इस सेक्टर में नर्इ नौकरियों के अवसर पैदा करने के लिए दबाव बढ़ सकता है।


मर्जर से पहले दोनों कंपनियां ले सकती है कर्इ अहम फैसले

इस इंडस्ट्री के कर्इ जानकारों का मानना है कि मर्जर के बाद बनने वाली नर्इ कंपनी तेजी से कर्इ अहम बदलाव कर सकती है इसके साथ ही नेटवर्क बढ़ाने, आैर प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखकर प्राइस पर भी फोकस करना चाहेंगी। इस विलय के बाद नर्इ कंपनी का देश के टेलिकाॅम सेक्टर में 42 फीसदी की हिस्सेदारी हो जाएगी जो कि देश की सबसे बड़ी टेलिकाॅम कंपनी हो जाएगी। फिलहाल भारती एयरटेल 37 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ देश की सबसे बड़ी टेलिकाॅम कंपनी है।

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