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वोडाफोन पब्लिक के साथ कर रही है गोरखधंधा, सिम में इस तरह यूजर्स के साथ हो रही धोखाधड़ी

locationनई दिल्लीPublished: Jan 22, 2019 12:50:28 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

वोडाफोन ने अपनी तरफ से ग्राहकों को कुछ एेसे नंबर्स जारी कर दिए हैं जो कि डिजिटली अनलाॅक हैं। एेसे में स्टोर्स इस तरह के मामले के सामने आने के बाद ग्राहकों की मदद करने से पल्ला झाड़ रहे हैं।

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वोडाफोन पब्लिक के साथ कर रही है गोरखधंधा, सिम में इस तरह यूजर्स के साथ हो रही धोखाधड़ी

नई दिल्ली। देश की जानी-मानी टेलीकॉम सेक्टर कंपनी वोडाफोन के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कंपनी की ओर से कई यूजर्स के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। दरअसल, कंपनी की ओर से यूजर्स को सिम कार्ड जारी तो कर दिया जा रहा है, लेकिन जब उसे एक्टिवेट करने की बात आई तो हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई है। यूजर्स के साथ किस तरह गोरखधंधा किया जा रहा है उसका उदाहरण आप इस यूजर्स के साथ हुए हादसा से लगा सकते हैं।

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दरअसल, कंपनी ने कर्इ यूजर्स को नंबर जारी करने के बाद उसे एक्टिवेट नहीं किया। कंपनी की लापरवाही को देखते हुए परेशान यूजर्स जब अपने नजदीकी स्टोर्स पर इस बाबत संपर्क करने गए तो स्टोर कर्मचारियों ने तो पहले इसे लेकर अपना पल्ला झाड़ दिया। यही नहीं, कंपनी ने तो एक यूजर को कह दिया कि इसके बारे में हमें कोर्इ जानकारी नहीं है। इसको लेकर हम आपकी कोर्इ मदद नहीं कर सकते हैं। इस यूजर के लिए परेशान करने की सबसे बड़ी वजह है कि उन्होंने कंपनी की आधिकारिक साइट से अपने निजी बिजनेस के लिए एक नंबर लिया था। अब उन्होंने इस नंबर को बिजनेस संबंधित कर्इ कागजातों में दर्ज भी करा दिया है। एेसे में कंपनी द्वारा इस लापरवाही से उनके बिजनेस में भारी नुकसान होने की संभावना है। खास बात है यह ग्राहक करीब 10 सालों से वोडाफोन के कस्टमर हैं आैर इस बार उन्होंने अपने बिजनेस के लिए पोस्टपेड नंबर लिया है।


दो-दो यूजर्स को एक ही नंबर जारी

एक नहीं बल्कि कर्इ नजदीकी वोडाफोन स्टोर्स पर संपर्क करने पर स्टोर मैनेजर से लेकर कर्मचारियों तक का कहना है कि कंपनी की तरफ से जारी किया गया नंबर डिजिटली लाॅक है। एेसे में इसे दाेबारा एक्टिवेट नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि यह नंबर किसी अन्य यूजर के नाम से रजिस्टर्ड है आैर कंपनी ने एक बार फिर इस नंबर को दूसरे यूजर के नाम पर रजिस्टर कर दिया है। स्टोर कर्मचारियों के रिकाॅर्ड में भी एक ही नंबर दो-दो यूजर्स के नाम रजिस्टर्ड दर्शा रहा है। ध्यान देने वाली बात है कि कंपनी ने नंबर जारी करने से पहले एक बार भी यह चेक करने की जहमत नहीं उठार्इ की जो नंबर वह जारी करने जा रही है, उसमें क्या तकनीकी बाधा आ सकती है। क्या वह डिजिटली अनलाॅक किया जा सकता है या नहीं। क्या यह नंबर एक्टिवेट करने लायक है या नहीं। यदि एेसा कोर्इ मसला है तो उसे जारी ही क्यों किया जा रहा है।


कंपनी झाड़ रही अपना पल्ला

पत्रिका बिजनेस ने जब इस यूजर से संपर्क किया तो वोडाफोन के पूरे गोरखधंधे की पोल खुल गर्इ। कंपनी की तरफ से यूजर को रिप्लार्इ किए गए मेल में इस मामले की जांच करने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन कर्इ दिनों बाद भी इसपर कोर्इ कार्रवार्इ नहीं की गर्इ है। यूजर ने मेल से लेकर ट्वीटर हैंडल तक के माध्यम से कंपनी को संपर्क करने का प्रयास किया है। हर जगह कंपनी बस आश्वासन ही दे रही लेकिन यूजर के समस्या का निदान नहीं कर रही है। एेसे में कर्इ कस्टमर्स को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन कंपनी को अपने ग्राहकों की समस्या की नहीं बल्कि अपने धंधे से बस कमार्इ करने की पड़ी है।

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