रेस्ट्रॉन्ट्स देगे कैलरी का जानकारी
FSSAI का कहना है की देश के लोगो को सेहतमंद रखने के लिए ये कदम उठाया गया है। लोगो को सेहतमंद बने रहने का ये एक तरीका है। साथ ही ये भी कहना है की ग्राहक को ये जानने का पूरा अधिकार है की जो वो खाना खा रहे है वो कितना सेहतमंद नही है। FSSAI ने आगे कहा की ये कदम ईट राइट मूवमेंट का हिस्सा है। अपने फूड प्रॉडक्ट्स में नमक, चीनी और ट्रांस-फैट की मात्रा को कंपनियां ज्यादा न इस्तेमाल कर पाये यह कदम उसी का एक तरीका है। ताकि कंपनियां अपने सेहत के साथ कोई खिलवाड़ न कर सके ।
ज्यादा मसाले इस्तेमाल करती है कंपनियां FSSAI का मानना है की खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए कंपनिया अधिक मात्रा में इस्तेमाल करती है। लोगो को इस बात का पता ही नहीं होता है की उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा हैं। इस कदम के बाद कंपनिया अधिक मात्रा में मसालों का प्रयोग नहीं कर पायेगी। FSSAI ईट राइट मूवमेंट के तहत ‘नेस्ले, आईटीसी, पतंजलि सहित बड़ी फूड कंपनियां, बड़े क्विक सर्विस रेस्तरां (हलवाई असोसिएशंस सहित), प्रमुख ऑर्गनाइज्ड रिटेलर्स और बिगबास्केट, ऐमजॉन, ग्रोफर्स सहित ई-कॉमर्स कंपनियां से एक कमिटमेंट कराएगी और हेल्दी ईटिंग को बढ़ावा देने के संकल्प पर हस्ताक्षर करायेगी।