विलफुल डिफॉल्टर्स का बोझ
चार सालों में बैंकों पर विलफुल डिफॉल्टर्स का बोझ चार गुना से अधकि हो चुका है। जिसके कारण बैंक अब असंगठित सेक्टर को भी लोन देने से कतरा रहे हैं।
इन पर है सबसे ज्यादा बकाया
एस्सार स्टील, भूषण स्टील, एबीजी शिपयार्ड, इलेक्ट्रोस्टील और आलोक इंडस्ट्रीज शामिल हैं। जिनपर कुल एनपीए का 25 फीसदी बकाया है। बैंकों के एनपीए बढ़ाने में सबसे ज्यादा नुकसान विलफुल डिफॉल्टर्स की वजह से हुआ है।
एनबीएफसी पर क्यों नहीं है दबाव बना
एक तरफ जहां परंपरागत बैंकिंग सिस्टम को लगातार नुकसान हो रहा है वहीं नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज के लिए एक नया विकल्प बनता जा रहा है। बल्कि ये कंपनियां अपने बेहतर रणनीति के चलते आगे बढ़ रही है। बजाज फाइनेंस की बात करें तो इसका मार्केट कैप 1,11,532 करोड़ के पार पंहुच चुका है जो देश की कई बड़ी बैंकों के करीब आ चुकी है। ३ साल में २६ एनबीएफसी में १७ कंपनियों में तेज ग्रोथ दिख रही है।