क्या कहते हैं आंकड़ें भारतीय रिजर्व बैक के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी बैंकों का लोन बुक में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2015-16 में 3.78 लाख करोड़ रुपए था जो पिछले वित्त वर्ष में घटकर 3.42 लाख करोड़ रह गया है। जबकि निजी सेक्टर के बैंक के लोन बुक में 15 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है।
लोनबुक
विदेशी बैंक – 10 % की गिरावट
प्राइवेट बैंक – 15 % की उछाल विदेशी बैंक की कितनी रही गिरावट
वित्त वर्ष 2015- 16 – 3.78 लाख करोड़ रुपए
वित्त वर्ष 2016- 17 – 3.42 लाख करोड़ रुपए
विदेशी बैंक – 10 % की गिरावट
प्राइवेट बैंक – 15 % की उछाल विदेशी बैंक की कितनी रही गिरावट
वित्त वर्ष 2015- 16 – 3.78 लाख करोड़ रुपए
वित्त वर्ष 2016- 17 – 3.42 लाख करोड़ रुपए
नोटबंदी के बाद भी सुधार नहीं हालात
नोटबंदी की मार कई सेक्टर्स पर पड़ी, लेकिन धीरे धीरे अब कई सेक्टर्स इससे उबर चुके हैं। लेकिन विदेशी बैंकों की हालात में कोई खास सुधार नही देखा गया। नोटबंदी के बाद विदेशी बैकों की डिपॉजिट में केवल 1.4 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई, जबकि इस दौरान बैकिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ 11.8 फीसदी रही है।
सेक्टर ग्रोथ
विदेशी बैंक 1.4 फीसदी
बैंकिंग सेक्टर 11.8 फीसदी
नोटबंदी की मार कई सेक्टर्स पर पड़ी, लेकिन धीरे धीरे अब कई सेक्टर्स इससे उबर चुके हैं। लेकिन विदेशी बैंकों की हालात में कोई खास सुधार नही देखा गया। नोटबंदी के बाद विदेशी बैकों की डिपॉजिट में केवल 1.4 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई, जबकि इस दौरान बैकिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ 11.8 फीसदी रही है।
सेक्टर ग्रोथ
विदेशी बैंक 1.4 फीसदी
बैंकिंग सेक्टर 11.8 फीसदी
लगातार घट रही है शाखाओं की संख्या विदेशी बैंकों के शाखाओं की संख्या में भी लगातार कमी आ रही है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2015 -16 में देश भर में विदेशी बैंकों की 325 थी जो पिछले वित्त वर्ष तक घटकर 295 रह गई हैं। बड़े विदेशी बैंक एचएसबीसी ने तो अपने शाखाओं की संख्या 50 से घटाकर 26 कर दी है।
क्यों बिगड़े हालात जानकारों का मानना है कि विदेशी बैंकों का भारत से मोहभंग होने का सबसे बड़ा कारण बैंकिंग सेक्टर की कठोर नियम है। इस नियम के तहत किसी भी बैंक को अपने कुल लोन का 40 फीसदी हिस्सा प्रयोरिटी सेक्टर को देना होता है। जो विदेशी बैंकों के लिए संभव नहीं है। भारत में मौजूद विदेशी बैंक की केवल कुछ ही शाखाएं हैं, जो इस सीमा के कारण कॉर्पोरेट ग्राहकों को क्रॉस-बॉर्डर सेवाएं प्रदान करने पर केंद्रित हैं।